कोच्चि: भारत ने अपने नागरिकों को स्वच्छ जल तक पहुंच उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण प्रगति की है लेकिन अब भी वह उन शीर्ष देशों में है जहां आबादी के एक बड़े हिस्से के पास यह सुविधा नहीं है। यह बात एक रिपोर्ट में कही गयी है।
विश्व जल दिवस की पूर्व संध्या पर जारी की गयी रिपोर्ट में कहा गया कि युगांडा, नाइजर, मोजाम्बिक, भारत और पाकिस्तान उन देशों में शामिल हैं जहां सबसे ज्यादा लोगों के पास आधे घंटे की आने- जाने की दूरी के दायरे में स्वच्छ जल नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘आज भारत में 16.3 करोड़ लोग हैं जिनकी स्वच्छ जल तक पहुंच नहीं है। यह संख्या पिछले साल की तुलना में बढ़ी है।’’
वाटरएड्स की रिपोर्ट‘ स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स वाटर2018: द वाटर गैप’ में कहा गया कि भारत 2022 तक अपनी ज्यादातर ग्रामीण आबादी को स्वच्छ जल मुहैया कराने के अपने लक्ष्य को हासिल करने में जलवायु परिवर्तन, घटते भूजल स्तर एवं प्रदूषण सहित विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहा है।
इसमें कहा गया कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की प्रतिकूल दशाएं पैदा होने से भारत की चुनौतियां तेज हो जाएंगी।
रिपोर्ट में कहा गया कि दुनिया की दो सर्वाधिक आबादी वाले देशों चीन और भारत ने2000 के बाद से सबसे ज्यादा लोगों को स्वच्छ जल मुहैया कराया है।
वाटरएड्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी वी के माधवन के अनुसार दुनिया भर में84.4 करोड़ लोगों के पास स्वच्छ जल की सुविधा नहीं है, भारत में यह संख्या 16.3 करोड़ है।
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले15 सालों में भारत ने30 करोड़ लोगों को स्वच्छ जल की सुविधा मुहैया करायी है।
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