मनोहर पर्रिकर जूझ रहे हैं पैनक्रियाटिक कैंसर से, जानें इस बीमारी के लक्षण, कारण और बचाव
World Cancer Day: पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर भी कैंसर से जूझ रहे हैं। उन्हें पैनक्रियाटिक कैंसर है और एम्स से उनका इलाज चल रहा है। जानें पैनक्रियाटिक कैंसर के लक्षण, कारण और ट्रिटमेंट।
हमारी बदलती लाइफस्टाइल में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी तेजी से फैल रही है। इस बीमारी के शिकार आम लोग ही नहीं देश के बड़े-बड़े सेलिब्रिटी और राजनेता भी हो रहे हैं। कुछ दिन पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे कैंसर की चपेट में आईं थीं। बॉलीवुड डायरेक्टर राकेश रोशन से लेकर एक्टर इरफान खान, ताहिरा कश्यम भी इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर भी कैंसर से जूझ रहे हैं। उन्हें पैनक्रियाटिक कैंसर है और एम्स से उनका इलाज चल रहा है। जानें पैनक्रियाटिक कैंसर के लक्षण, कारण और ट्रिटमेंट।
गोवा अस्पताल के सूत्रों ने कहा, "उनके पैंक्रियाज में उच्च चरण के कैंसर होने का पता चला है। जब उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वहां उनकी पहले चरण की कीमियोथेरेपी भी हुई।"
पर्रिकर ने 14 फरवरी 2018 को पेट में दर्द की शिकायत की थी जिसके बाद उन्हें राज्य के जीएमसीएच अस्पताल ले जाया गया था जहां से उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल भेजा गया। शुरुआत में बताया गया था की वह 'फूड प्वाइजनिंग' से ग्रसित हैं।
मुख्यमंत्री को 1 मार्च 2018 को अस्पताल से छुट्टी दी गई थी और उसके बाद से वह अपने घर में आराम कर रहे थे। मंगलवार को लीलावती अस्पताल में जांच के बाद वह इलाज के लिए अमेरिका रवाना हो गए। चलिए आपको भी बताते है कि क्या है पैंक्रियाटिक कैंसर। साथ ही जानें इसके लक्षण।
पैंक्रियाटिक कैंसर
अग्नाशय कैंसर यानी कि पैनक्रीएटिक कैंसर बहुत ही गंभीर रोग है। अग्नाशय में कैंसर युक्त कोशिकाओं के जन्म के कारण पैनक्रीएटिक कैंसर की शुरूआत होती है। यह अधिकतर 60 वर्ष से ऊपर की उम्र वाले लोगों में पाया जाता है। उम्र बढ़ने के साथ ही हमारे डीएनए में कैंसर पैदा करने वाले बदलाव होते हैं। इसी कारण 60 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र के लोगों में पैनक्रीएटिक कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इस कैंसर के होने की औसतन उम्र 72 साल है।
महिलाओं के मुकाबले पैनक्रीएटिक कैंसर पुरुषों को ज्यादा होता है। जो पुरुषों धूम्रपान करते है। उन्हें इस कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। रेड मीट और चर्बी युक्त आहार का सेवन करने वालों को भी पैनक्रीएटिक कैंसर होने की आशंका बनी रहती है। कई अध्ययनों से यह भी साफ हुआ है कि फलों और सब्जियों के सेवन से इसके होने की आशंका कम होती है।
पैनक्रीएटिक कैंसर होने का कारण
- रेड मीट या अधिर चर्बी वाली चीज खाने से।
- ज्यादा मोटापा
- .ज्यादा समय तक अग्नाशय में दर्द।
- अधिक धूम्रपान करना।
- अनुवांशिक कारण भी हो सकता है।
पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण
- पेट के ऊपरी भाग में दर्द
- स्किन, आंख और यूरिन का रंग पीला होना।
- जी मिचलाना, उल्टियां होना।
- भूख कम लगना।
- लगातार वजन कम होना।
- वीकनेस लगना।
ज्यादा सिगरेट पीने से भी होता है पैनक्रियाटिक कैंसर का खतरा
इसके अलावा ज्यादा सिगरेट पीने वाले लोगों को भी पैनक्रियाटिक कैंसर का खतरा होता है। यह बीमारी वंशानुगत भी है। यानी कि अगर आपके पूर्वजों को यह बीमारी है तो यह आपको भी हो सकती है। मोटापा बढ़ने से भी यह बीमारी होती है।
World Cancer Day 2019: मध्य प्रदेश में हर साल तंबाकू से मरते हैं 90 हजार लोग, पढ़िए पूरी रिपोर्ट
World Cancer Day 2019: शरीर में इस तरह फैलता है कैंसर, जानिए क्या होती है इसकी चार स्टेज