World Autism Awareness Day 2018: एक अन्य अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला कि माता-पिता की उम्र में यदि अधिक अंतर हो या वह दोनो कम उम्र हों तो बच्चों के ऑटिज्म की चपेट में आने का जोखिम बढ़ जाता है।
न्यूयार्क के माउंट सिनाई स्थित इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन द्वारा किये गये अध्ययन के अनुसार माता-पिता की उम्र में अधिक अंतर होने से उनके बच्चों में ऑटिज्म का खतरा अधिक होता है।
माता-पिता के बीच यदि 10 साल या इससे ज्यादा का अंतर हो तो उनके बच्चों में ‘ऑटिज्म’ का खतरा अधिक होता है। इस अध्ययन के तहत पांच देशों में 57 लाख बच्चों को शामिल किया गया। इसमें उम्रदराज माता-पिता और किशोर माता-पिता के बच्चों में ऑटिज्म का ज्यादा खतरा पाया गया।
शोधकर्ताओं के मुताबिक 50 साल से अधिक उम्र के पिता से जन्मे बच्चों में ऑटिज्म की दर 66 फीसदी अधिक पाई गई जबकि 20 से 30 साल के पिता के बच्चों की तुलना में 40 से 50 साल के पिता के बच्चों में 28 फीसदी अधिक पाई गई। उन्होंने यह भी पाया कि 20 से 30 साल के बीच की माताओं की तुलना में किशोर माताओं से जन्मे बच्चों में ऑटिज्म की दर 18 प्रतिशत अधिक मिली।
20 से 30 साल की उम्र वाली माताओं की तुलना में 40 से 50 साल के बीच की उम्र की माताओं से जन्मे बच्चों में ऑटिज्म की दर 15 फीसदी अधिक रही। अध्ययन में यह भी पाया गया कि माता पिता की उम्र में अंतर बढ़ने के साथ साथ ऑटिज्म की दर में भी वृद्धि पाई गई।
35 से 44 साल के पिता में और माता पिता के उम्र अंतराल में 10 साल या इससे अधिक अंतर होने पर इसकी दर सर्वाधिक है। वहीं, 50 साल से अधिक के पिता से जन्मे बच्चों में यह जोखिम अधिक है। यह अध्ययन मोल्यूकुलर साइकेट्री जर्नल में प्रकाशित हुआ।
अगली स्लाइड में पढ़ें और जानकारी
Latest Lifestyle News