हेल्थ डेस्क: सैनिटरी नैपकिन्स को लेकर आप आए दिन कई तरह की न्यूज पढ़ रहे होंगे। इससे जुड़ी आपको एक और खास बात बताने जा रहे हैं कि सैनिटरी नैपकिन्स से ज्यादा इन दिनों एक और चीज चलन में है और वह है 'मेंस्ट्रुअल कप्स'। जी हां जैसा कि इसके नाम से ही आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि मेंस्ट्रुअल कप्स आपके वजाइना के हिसाब से बनाया गया है। पीरियड्स के दौरान आप इसे आराम से वजाइना में इन्सर्ट किया जा सकता है।
सैनिटरी नैपकिन्स ना तो एनवायरनमेंट फ्रेंडली होते हैं और ना ही कंफर्टेबल। इसीलिए अब मेंस्ट्रुअल कप्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। मेडिकल-ग्रेड सिलिकॉन से बने बेल आकार के होते हैं मेंस्ट्रुअल कप्स। यह बहुत ज्यादा फ्लेक्सिबल होते हैं, जिसे आराम से वजाइना में इन्सर्ट किया जा सकता है। लेकिन इसे लेकर अभी भी कई सवाल हैं जो महिलाओं के दिमाग में आते हैं। आज आपको मेंस्ट्रुअल कप्स से जुड़े सभी सवालों के जवाब यहां मिल जाएगें।
यूएन की एनवायरनमेंट गुडविल एम्बेसडर बनीं दिया मिर्जा ने भी बताया कि वह पीरियड्स के दौरान सैनिटरी नैपकिन्स का इस्तेमाल नहीं करती हैं. क्योंकि पर्यावरण को ये बहुत नुकसान पहुंचाते हैं. वह बायोडिग्रेडेबल नैपकिन्स का इस्तेमाल करती हैं, जो कि सौ प्रतिशत नैचुरल है। इसी वजह से उन्होंने कभी सैनिटरी नैपकिन्स का विज्ञापन नहीं किया।
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