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बिहार में चमकी बुखार बच्चों की जान के पड़ा है पीछे, जानें कैसे पड़ा इस खतरनाक रोग का ये नाम

बिहार में इन दिनों चमकी बुखार का कहर छाया हुआ है। लेकिन क्या आप जानते है कि आखिर इसका नाम चमकी क्यों पड़ा। जानें इस बारें में क्या कहते है स्थानीय नागरिक।

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Chamki Fever: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चमकी नाम का बुखार अपना कहर बरपा रहा है। जिसकी गिरफ्त में मासूस बच्चे ही आ रहे हैं। इस बुखार को 'एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस)' के नाम से भी जाना जाता है अभी तर इस खरतनाक बुखार से 100 बच्चों से भी की मौत हो चुकी है। यह एक दिमाग का बुखार है। जानें इसके क्यों कहते है चमकी बुखार?

यह बुखार मुख्यतौर में 1 साल से 8 साल के बच्चे को ऊपर अटैक कर रहा है। यह जानलेवा साबित होता जा रहा है। जिससे आम जनता के साथ-साथ शासन भी परेशान है।

क्यों पड़ा चमकी बुखार नाम?
इस बारें में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के शख्स ने बताया कि इस रोग को होने से बच्चे का शरीर बुखार की वजह से बिल्कुल तपने लगता है। जिसके कारण शरीर में कपंन के साथ-साथ झटके लगते रहते है। शरीर में बार-बार झटकों के कारण इसे 'चमकी' के नाम से बुलाया जाने लगा।

हमारे मस्तिष्क में लाखों कोशिकाएं और तंत्रिकाएं होती हैं, जिसकी वजह से शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से काम करते हैं। लेकिन जब इन कोशिकाओं में सूजन आ जाती है तो उस स्थिति को एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम कहा जाता है। जिसे इंसेफ्लाइटिस मस्तिष्क से जुड़ी एक गंभीर प्रॉब्लम भी माना जाता है।

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