हेल्थ डेस्क: भारत में 35 फीसदी से ज्यादा लोग शारीरिक श्रम करने में आलस करते हैं। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का आंकड़ा है। डब्ल्यूएचओ के एक सर्वेक्षण के अनुसार, शारीरिक गतिविधियों में सक्रियता नहीं दिखाने के कारण इन लोगों को दिल की बीमारी के साथ-साथ कैंसर, मधुमेह और मानसिक रोगों का खतरा बना रहता है।
सर्वेक्षण के ये नतीजे 'द लांसेट ग्लोबल हेल्थ' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं, जिसमें बताया गया है कि 2016 में भारत में शारीरिक श्रम कम करने वाली महिलाएं करीब 50 फीसदी थीं, जबकि पुरुषों के लिए यह आंकड़ा 25 फीसदी था। दुनियाभर में तीन में से एक महिला पर्याप्त शारीरिक क्रियाकलाप नहीं करती है, जबकि पुरुषों के मामले में यह आंकड़ा चार में से एक है।(पीरियड्स के समय स्विमिंग करना है सहीं, बस ध्यान रखें ये बातें नहीं तो हो सकती है इंफेक्शन का शिकार)
उच्च आय वाले देशों में शारीरिक श्रम कम करने वालों का आंकड़ा 37 फीसदी है, जबकि मध्यम आय वाले देशों में 26 फीसदी। वहीं, निम्न आय वाले देशों में यह आंकड़ा 16 फीसदी है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, अगर यह प्रवृत्ति जारी रही तो कम शारीरिक क्रियाकलाप करनेवालों की तादाद 2025 तक घटाकर 10 फीसदी करने का लक्ष्य प्राप्त नहीं हो पाएगा। शोध के प्रमुख लेखक रेगिना गुथोल्ड ने कहा, "दुनियाभर में अन्य प्रमुख स्वास्थ्य के खतरों की तरह शारीरिक क्रियाकलाप कम करने वालों के स्तर में कमी नहीं हो रही है।
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