ब्राउन शुगर और व्हाइट शुगर में कौन है ज्यादा खतरनाक? जानिए रोजाना कितना जहर लेते हैं आप?
ब्राउन शुगर या व्हाइट शुगर इन दोनों में सबसे अच्छा कौन है?
नई दिल्ली: ब्राउन शुगर या व्हाइट शुगर इन दोनों में सबसे अच्छा कौन है? ब्राउन बेड या व्हाइट ब्रेड में सबसे बेहतर कौन है। लेकिन आज आपको बताएंगे ब्राउन शुगर सच में व्हाइट शुगर से अच्छा है या सिर्फ मार्केटिंग का हथकंडा है। आज आपको बताएंगे ब्राउन शुगर क्या सच में कारगर है या सिर्फ कहने वाली बात रह गई है। आई जानते हैं कैसे बनाई जाती है ब्राउन शुगर? व्हाइट शुगर ईख के रस से बनाएं जाते हैं। वहीं गुड़ बनाने के लिए ईख का जो रस यूज किया जाता है उसके बचे हुए जूस से चीनी बनाए जाते हैं। वहीं ब्राउन शुगर गुड़ गुड़ से बनाया जाता है। वहीं व्हाइट शुगर बनाते वक्त सल्फर का यूज किया जाता है।
हेल्थ के लिए क्यों फायदेमंद है ब्राउन शुगर
केमिकल रहित होती है: व्हाइट शुगर केमिकल प्रोसेस से गुजरती है जिससे उसमें सल्फर जैसे हानिकारक तत्व आ जाते हैं जबकि ब्राउन शुगर में व्हाइट शुगर की तरह केमिकल नहीं होते हैं। यह गुड़ से बनी होती है और व्हाइट शुगर के मुकाबले कम केमिकल प्रोसेस से गुजरती है। इसलिए यह अधिक लाभकारी होती है। इसमें कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम और फॉस्फोरस जैसे शरीर के लिए लाभकारी मिनरल्स होते हैं।
त्वचा के लिए लाभकारी: ब्राउन शुगर में मौजूद कई मिनरल्स आपकी त्वचा की कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं और असमय झुर्रियों आने से रोकते है। इसलिए ब्राउन शुगर का सेवन त्वचा के लिए लाभकारी होता है। [ये भी पढ़ें: आसान आदतें जो आपको अधिक स्वस्थ बनाए रखती हैं]
पीरियड्स का दर्द कम करने के लिए: ब्राउन शुगर में पोटेशियम पर्याप्त मात्रा में होता है जो कि मसल्स को रिलैक्स करता है जिससे दर्द कम होता है। इसलिए पीरियड्स के दौरान चाय पीते समय ब्राउन शुगर का इस्तेमाल करना लाभकारी होता है।
एंटी-सेप्टीक के रुप में इस्तेमाल कर सकते हैं: ब्राउन शुगर में एंटी-इंफ्लेमेंट्री और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसलिए इसका इस्तेमाल आप एंटी-सेप्टीक के रुप में कर सकते हैं। संक्रमण से बचाने में यह लाभकारी होती है।