हेल्थ डेस्क: इंडिया में फास्ट का एक अलग ही महत्व है। यहां पर पूजा की शुरुआत फास्ट और कई तरह के धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार की जाती है। शरीर की सफाई के लिए मल विक्षेप बाहर फेंकने का एक ही तरीका है उपवास। उपवास से शरीर की सफाई में विशेषता यह है कि वह विकार भी बाहर आ जाता है, जहां तक दवा का असर नहीं पहुंच पाता। उपवास मानव शरीर पर किस प्रकार प्रभाव उत्पन्न कर रोग को मार देता है उसका चिकित्सकीय विवरण रूस के चिकित्सा विज्ञानी ब्लादिमिर निमिति ने दिया है।
उनके अनुसार, शरीर में दो तरह के हार्मोन स्वास्थ्य-रक्षा में सहायक होते हैं। पक्वाशय एक प्रकार के ‘हार्मोन’ पैदा करता है, जो पोषक-तत्वों से संबंधित कोशिकाओं की सहायता करते हैं। उम्र बढ़ने पर इनके बनने में कमी होने लगती है। पर अधिवृक्क ग्रन्थियां जो हार्मोन बनाती हैं, उन पर उम्र का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
हार्मोन का संतुलन इस प्रकार बिगड़ना हानिकारक है। उपवास इस संतुलन को संभालता है। शरीर में भोजन नहीं पहुंचता, तो अधिवृक्क ग्रन्थियों के बनाए हार्मोन भोजन न होने के कारण खपने लगते हैं। इस तरह दोनों में संतुलन होकर स्वास्थ्य संभला रहता है।
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