आखिर क्या है महिला बांझपन का सबसे बड़ा कारण, इस तकनीक ने दूर की समस्या
महिलाओं में बांझपन की स्थिती तब आती है जब फैलोपियन ट्यूब के क्षतिग्रस्त या बंद होने पर शुक्राणु महिला के अंडाणु तक नहीं पहुंच पाते या फिर निषेचित (फर्टिलाइज्ड) अंडाणु महिला के गर्भाश्य तक नहीं पहुंचते।
नई दिल्ली: हर महिला अपने जीवन में मां बनने की इच्छा जरूर रखती है। मां बनना बेहतर अनुभवों में से एक माना गया है। लेकिन यह राह जितनी आसान दिखती है उतनी है नहीं। कुछ महिलाएं अपने बच्चों को जन्म नहीं दे पाती जिसका सबसे बड़ा कारण उनकी फैलोपियन ट्यूब में खराबी का होना या उसका बंद पाया जाना है। फैलोपीयन ट्यूब में रुकावट कई कारणों से आ सकती है। महिलाओं द्वारा मां बनने में फैलोपीयन ट्यूब अहम भूमिका रखता है।
महिलाओं में बांझपन की स्थिती तब आती है जब फैलोपियन ट्यूब के क्षतिग्रस्त या बंद होने पर शुक्राणु महिला के अंडाणु तक नहीं पहुंच पाते या फिर निषेचित (फर्टिलाइज्ड) अंडाणु महिला के गर्भाश्य तक नहीं पहुंचते। ट्यूब के भीतर जमा होने वाले टिश्यू को लेप्रोस्कोपिक पद्धति से माइको सर्जरी द्वारा बाहर निकाला जाता है, लेकिन टिश्यू यदि बड़े हो तो उन्हें इस पद्धति की मदद से भी नहीं निकाला जा सकता।
महिलाओं में अंडाशय द्वारा निकला अंडाणु फैलोपियन ट्यूब में जाता है, शुक्राणु द्वारा भी फैलोपियन ट्यूब में ही अंडाणु का निषेचन (फर्टिलाइजेशन) किया जाता है तथा ट्यूब से ही अंडाणु गर्भाशय में भेजे जाते है। महिलाओं में ट्यूब बंद होने का सबसे बड़ा कारण संक्रमण है तथा संक्रमण से ट्यूब के रेशे खराब हो जाते है। इसी कारण महिलाओं को ट्यूब खुलवाने के लिए ऑपरेशन करना पड़ता है। जिसके बाद भी उन्हें संतान की प्राप्ति नहीं हो पाती।
इन्हीं महिलाओं के लिए टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक की अविष्कार किया गया है। इसमें फैलोपियन ट्यूब बंद होने के बावजूद महिलाएं आई.वी.एफ प्रक्रिया की मदद से मां बन सकती है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ बताते हैं.....
उन्होनें बताया की टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक गर्भधारण के लिए एक बेहतर तकनीक है जिसमें किसी प्रकार के कोई ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ती। जिन महिलाओं का ट्यूब बंद हो या खराब हो वे महिलाएं टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक का प्रयोग कर मां बन सकती है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ ने भी आई.वी.एफ प्रक्रिया के बारे में कुछ महत्तवपूर्ण बातें बताई
यदि पुरुष व महिला नसबंदी कराने के बाद पुन: संतान प्राप्ति करना चाहते है तो इसके लिए उन्हें ट्यूब खुलवाने की आवश्यक्ता नहीं है। वह टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक का प्रयोग कर पुन: संतान पा सकते है। उन्होनें यह भी बताया कि महिला नसबंदी में अंडे व शुक्राणु का मिलन बाहर लैब में किया जाता है जबकि पुरुष नसबंदी में अंडकोष से ही शुक्राणु निकाल लिए जाते है।