Health Tips: सिर्फ 15 दिन चीनी या मीठा खाना पूरी तरह से छोड़ दें और फिर देखें फायदा
डाइटिशियन की माने तो चीनी आपकी हेल्थ, स्किन और बाल के लिए खतरनाक है और अगर हमेशा हेल्दी रहना है तो भूल से भी चीनी का ज्यादा सेवन न करें।
डाइटिशियन की माने तो चीनी आपकी हेल्थ, स्किन और बाल के लिए खतरनाक है और अगर हमेशा हेल्दी रहना है तो भूल से भी चीनी का ज्यादा सेवन न करें।चीनी के फायदे बहुत होते हैं और बहुत से लोगों को मीठा खाना बहुत पसंद भी होता है। हालांकि शरीर को मीठे के रूप में ग्लूकोज की जरूरत होती है लेकिन मीठे का अधिक सेवन करना लाभदायक नहीं होता है बल्किज्यादातर लोग मानते हैं कि चीनी खाने से मोटापा बढ़ता है और चीनी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। लगभग हर डाइटीशियन आपको यही बताता है कि चीनी का प्रयोग बंद कर दें। आजकल के खान-पान को देखें, तो चीनी को पूरी तरह छोड़ना आपके लिए मुमकिन नहीं है। आजकल खाने-पीने की ढेर चीजों में थोड़ी या ज्यादा मात्रा में चीनी का प्रयोग किया ही जाता है, जैसे- ब्रेड, बर्गर, टोमैटो सॉस, पैकेटबंद फूड्स आदि, इसलिए चीनी से बचना तो मुश्किल है। मगर आप ये कर सकते हैं कि अतिरिक्त चीनी (ऐडेड शुगर) का प्रयोग बंद कर सकते हैं। मगर सवाल यह उठता है कि अगर आप चीनी खाना पूरी तरह बंद कर दें, तो क्या आप स्वस्थ रह सकते हैं? आइए आज आपको बताते हैं कि चीनी खाना पूरी तरह छोड़ देने पर आपका शरीर किस तरह प्रभावित होता है।
क्या होगा अगर आपने चीनी छोड़ दी?
अगर आप चीनी खाना पूरी तरह छोड़ दें, तो इससे आपका शरीर धीरे-धीरे प्रभावित होता है। आप स्वस्थ रहेंगे या बीमार पड़ेंगे, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप चीनी छोड़ने के बाद क्या चीजें खा रहे हैं। दरअसल चीनी आपके शरीर में ग्लूकोज यानी ऊर्जा (एनर्जी) का बहुत अच्छा स्रोत है। अगर आप चीनी की जगह कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रट वाले आहार जैसे- ओट्स, फल, सब्जियां आदि खा रहे हैं, तो आपको ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि आपका शरीर कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट को तोड़कर सिंपल शुगर में बदल देता है, जिससे आपको एनर्जी मिल जाती है। लेकिन अगर आप इन्हें भी नहीं खाते हैं, तो चीनी छोड़ने के 5-7 दिन के अंदर आपका ब्लड प्रेशर सामान्य से कम हो जाता है। इसके अलावा फैट और इंसुलिन की मात्रा भी घट जाती है।
शुरुआत के 3 दिन होगी ज्यादा परेशानी
अगर आप चीनी खाना छोड़ दें और दूसरे ग्लाइसेमिक फूड्स खाना भी पूरी तरह छोड़ दें (जैसा कि कीटो डाइट में अक्सर लोग करते हैं), तो शुरुआत के 3-4 दिन आपको बहुत परेशानी होगी। आपका दिमाग बार-बार मीठी चीजों की तरफ जाएगा। ऐसा इसलिए होता है कि मीठा खाने की आदत बन जाने पर मीठी चीज खाने के बाद ही दिमाग उत्तेजित होता है। अचानक मीठा छोड़ने पर आपके शरीर में कई तरह के अंदरूनी बदलाव आने लगते हैं।
घटने लगता है इंसुलिन
इंसुलिन एक ऐसा हार्मोन है, जो शरीर में ग्लूकोज को नियंत्रित करता है। चीनी या मीठी चीजें खाना छोड़ने पर शरीर से अतिरिक्त इंसुलिन घटने लगता है। शुगर के रोगियों को इसीलिए चीनी छोड़ने की सलाह दी जाती है। शुरुआत में ऐसा करने पर आप बहुत ज्यादा थका हुआ और सुस्त महसूस करेंगे। मगर कुछ दिनों में ये ठीक हो जाता है। इस दौरान एक खास हार्मोन जिसे एड्रेनलिन कहा जाता है, शरीर में पहले से जमा फैट को तोड़कर ग्लूकोज बनाने लगता है। यही कारण है कि चीनी पूरी तरह छोड़ देने पर लोगों का वजन घटने लगता है।
पूरी तरह मीठा छोड़ना हो सकता है खतरनाक
आप चीनी खाना छोड़ सकते हैं, लेकिन आपको मीठी चीजें जैसे फल, अनाज आदि खाते रहना चाहिए। अगर आप पूरी तरह से मीठी चीजें खाना छोड़ देंगे, तो ये आपके शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है। मीठी चीजें खाना पूरी तरह छोड़ देने पर आपकी बॉडी फैट से ग्लूकोज बनाने के लिए कीटोन्स का निर्माण शुरू कर देती है। ये कीटोन्स शरीर में जमा फैट को ग्लूकोज में बदलते हैं, जिससे आपकी चर्बी गलने लगती है। इस प्रक्रिया को कीटोसिस कहते हैं। लेकिन इस तरह से वजन घटाना हानिकारक है क्योंकि कीटोन्स के कारण आपकी मांसपेशियों में दर्द शुरू हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कीटोसिस की प्रक्रिया में आपका शरीर बहुत अधिक मात्रा में पानी का इस्तेमाल करता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
दिख सकते हैं ये लक्षण
आमतौर पर कीटोसिस की स्टेज पर पहुंच जाने पर व्यक्ति को शरीर में निम्न लक्षण दिख सकते हैं-
सिरदर्द
थकान
सुस्ती
मांसपेशियों में दर्द
पेट में मरोड़
डायबिटीज रोगी और मोटे लोग चीनी छोड़कर कैसे रहें स्वस्थ?
अगर आपको शुगर है या आप बहुत मोटे हैं, तो अक्सर डॉक्टर आपको चीनी और मीठी चीजें पूरी तरह छोड़ देने की सलाह देते हैं। ऐसे में अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो जरूरी है कि आप कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स जरूर खाएं। इन कार्बोहाइड्रेट्स को तोड़कर शरीर जब शुगर बनाता है, तो वो शरीर के लिए नुकसानदायक नहीं होता है, क्योंकि ये प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है, जिससे शुगर खून में धीरे-धीरे घुलती है। इससे आपका इंसुलिन लेवल स्वस्थ रहता है और आपकी सेहत भी नहीं प्रभावित होती है।
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