नई दिल्ली: ज्यादा दोस्त होने और सामाजिक दायरा बढ़ने से दिमाग पर उम्र का असर देर से होता है, दिमाग सुरक्षित रहता है और जीवन स्तर में सुधार होता है। यह खुलासा एक नए शोध में हुआ है। शोध के अनुसार, यादों, भावनाओं और प्रेरणाओं को महसूस करने वाला दिमाग का हिस्सा स्पष्ट रूप से उम्र के साथ प्रभावित होता है। लोगों के दिमाग के इस हिस्से में सामाजिक संबंध संरक्षित रहते हैं।
अमेरिका के कोलंबस में 'ओहियो स्टेट विश्वविद्यालय' में 'न्यूरोलॉजिकल इंस्टीट्यूट' की मुख्य शोधकर्ता एलिजाबेथ किर्बी ने कहा, "हमारे शोध में खुलासा हुआ कि सामाजिक रूप से सक्रिय व्यक्ति के दिमाग पर उम्र का प्रभाव पड़ता है।" जर्नल 'फ्रंटियर इन एजिंग न्यूरोसाइंस' प्रकाशित शोध के तहत शोधकर्ताओं के दल ने 15-18 महीने के चूहों के दो समूह बनाकर तीन महीनों तक अध्ययन किया जब उनकी प्राकृतिक स्मरण शक्ति में गिरावट आने लगती है।
चूहों को एक खिलौना पहचानने का शोध कर उनकी स्मरण शक्ति परखी गई। शोध के परिणामों के अनुसार समूह में रहने वाले चूहों की स्मरण क्षमता बेहतर थी। किर्बी ने कहा, "जहां अकेले साथी के साथ रहने वाले चूहे यह पहचानने में असफल रहे कि किसी वस्तु को हटाया गया है।
वहीं समूह में रहने वाले चूहों ने बेहतरीन परिणाम दिए। वे दूसरी जगह रखे गए पुराने खिलौने के पास गए और अपने स्थान पर रखे गए दूसरे खिलौने को उन्होंने नजरंदाज कर दिया।" उन्होंने कहा कि भविष्य में शोध कर सामाजिक स्वभाव का स्मरण शक्ति और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधों का भी खुलासा किया जा सकेगा।
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