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संक्रमित मां से बच्चे को बचाया जाना हुआ आसान
अगर सही समय पर जांच व इलाज करवा लिया जाए, तो संक्रमित गर्भवती महिला से होने वाले बच्चे को इस रोग से बचाया जा सकता है। आंकड़ों के अनुसार साल 2012 में एचआईवी से संक्रमित 62 फीसदी गर्भवती महिलाओं को ऐसी दवा दी गयी जिससे होने वाले बच्चों को इस खतरे से बचाया जा सके।
एआरटी रोकती है एचआईवी का प्रभाव
एंटीरेट्रोवायरल थैरेपी से एचआईवी को शरीर में बढ़ने से रोका जा सकता है। ऐसा करके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को लंबे समय तक कायम रखा जा सकता है। इससे शरीर को संक्रमण का खतरा भी कम होता है। अगर एचआईवी से संक्रमित साथी एआरटी थैरेपी ले रहा है, तो उसे साथी को भी यौन संबंधों के द्वारा संक्रमण होने का खतरा काफी कम हो जाता है।
HIV से बढ़ता है टीबी का खतरा
साल 2012 में HIV संक्रमित करीब तीन लाख 32 हजार लोगों की मौत टीबी से हुई। यह उस वर्ष दुनिया में एचआईवी से होने वाली कुल मौतों का बीस प्रतिशत था।
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