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Hindi News लाइफस्टाइल हेल्थ हैरतअंगैज अध्ययन: ज्यादा जीने के लिए बताया ये तरीका, पढ़कर चकरा जाएंगा आपका सिर

हैरतअंगैज अध्ययन: ज्यादा जीने के लिए बताया ये तरीका, पढ़कर चकरा जाएंगा आपका सिर

एक नए अध्ययन के मुताबिक, चाल की गति के प्रभाव को बुजुर्गों में ज्यादा स्पस्ट तौर पर देखा गया। औसत गति से चलने वाले 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के व्यक्तियों में दिल संबंधी बीमारियों से होने वाली मौत के जोखिम में 46 प्रतिशत कमी दर्ज की गई वहीं तेज चलने वालों में यह कमी 53 प्रतिशत रही।

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हेल्थ डेस्क: कहा जाता है कि टहलना किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत ही अच्छा होता है। इसको लेकर हाल में ही शोध हुआ। जिसमें वैज्ञानिको ने कहा कि चहलकदमी  की रफ्तार बढ़ा दी जाएं तो आर अपनी लाइफ के कुछ और साल बढ़ा सकते है। उन्होंने बताया कि जल्दी मौत के खतरे से बचने के लिए तेज गति से चलना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। हल्की चहलकदमी की तुलना में औसत गति की चाल किसी भी कारण से होने वाली मौत में 20 प्रतिशत तक कमी करती है जबकि तेज गति से चलने से इस खतरे को 24 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

एक नए अध्ययन के मुताबिक, चाल की गति के प्रभाव को बुजुर्गों में ज्यादा स्पस्ट तौर पर देखा गया। औसत गति से चलने वाले 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के व्यक्तियों में दिल संबंधी बीमारियों से होने वाली मौत के जोखिम में 46 प्रतिशत कमी दर्ज की गई वहीं तेज चलने वालों में यह कमी 53 प्रतिशत रही।

ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के एमैनुएल स्टैमाटाकिस ने कहा , “आम तौर पर तेज गति यानि प्रति घंटे पांच से सात किलोमीटर चलना चाहिए। हालांकि यह चलने वाली की सेहत के स्तर पर भी निर्भर करता है। इसका एक वैकल्पिक सूचक यह है कि ऐसी गति से चलें जिससे रुकने पर आपकी सांस फूले या आपको पसीना आए।”  यह अध्ययन ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है।

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