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Hindi News लाइफस्टाइल हेल्थ भारत में इस बीमारी के मरीज दिन पर दिन 10 गुना बढ़े, जानिए क्या है वजह

भारत में इस बीमारी के मरीज दिन पर दिन 10 गुना बढ़े, जानिए क्या है वजह

वर्ष 2016 के बाद से भारत में हृदय प्रत्यारोपण के मामलों में दसगुनी वृद्धि हुई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हृदयदान, पुनप्र्राप्ति और प्रत्यारोपण के बीच बेहतर समन्वय के कारण ऐसी स्थिति बन पाई है। भारत में पिछले दो सालों में लगभग 300 हृदय प्रत्यारोपण हुए हैं।

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उन्होंने बताया कि अंगों को ठीक करने की प्रक्रिया को हार्वेस्टिंग कहा जाता है। यह अंग प्राप्तकर्ता में ट्रांसप्लांट किया जाता है, जिसे उस अंग की आवश्यकता होती है। अंगदान के दो प्रकार हैं-ंउचय लाइव दान और मृत या कैडेवर दान।

आईजेसीपी के ग्रुप एडिटर डॉ. अग्रवाल ने आगे कहा कि आंकड़े बताते हैं कि हृदय प्रत्यारोपण की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन इसके बारे में और जागरूकता बरतने की आवश्यकता है। लोगों को इस तथ्य के बारे में संवेदनशील होना चाहिए कि वे अंगदान के माध्यम से मृत्यु के बाद भी जीवित रह सकते हैं। अंगदान के बारे में मिथकों और गलतफहमी को दूर करने और संदेश को फैलाने की भी जरूरत है।

एचसीएफआई के अनुसार, उच्च आयु अंगदान में बाधक नहीं है। यहां तक कि 80 वर्ष की आयु से ऊपर के लोग भी अंग और ऊतक दाता बन सकते हैं। दान के लिए स्वास्थ्य सही होना भी कोई आवश्यक नहीं है। यहां तक कि जो धूम्रपान करते हैं, शराब पीते हैं या स्वस्थ आहार नहीं लेते हैं, वे भी अंगदान कर सकते हैं। अंग और ऊतक दान शरीर को किसी भी तरह से 'डिफिगर' नहीं करते हैं।

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