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मोनोपॉज के बाद इस समस्या से हो सकती है आपकी जान को खतरा

मोनोपॉज के बाद मसूढ़ों और दांतों की बीमारियों का सामना करने वाली महिलाओं में मौत का जोखिम बढ़ जाता है। एक शोध के अनुसार, पेरियोडोंटल बीमारी (दांत के आस-पास के संयोजी उतक और मसूढ़ों में सूजन) से दांतों को नुकसान पहुंच सकता है, इसे एडेंटुलिज्म कहते हैं

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हेल्थ डेस्क: पीरियड्स के स्थायी रूप से बंद हो जाने को मोनोपॉज कहा जाता है। मोनोपॉज होने पर स्त्री के शरीर में शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के पविर्तन हो जाते हैं। बहुधा ये परिवर्तन इतनी धीमी गति से तथा अल्प होते हैं कि स्त्री को कोई असुविधा नहीं होती, किंतु कुछ स्त्रियों को विशेष कष्ट होता है। यह वास्तव में स्त्री के जीवन का पविर्तनकाल होता है।

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मोनोपॉज के बाद मसूढ़ों और दांतों की बीमारियों का सामना करने वाली महिलाओं में मौत का जोखिम बढ़ जाता है। एक शोध के अनुसार, पेरियोडोंटल बीमारी (दांत के आस-पास के संयोजी उतक और मसूढ़ों में सूजन) से दांतों को नुकसान पहुंच सकता है, इसे एडेंटुलिज्म कहते हैं।

निष्कर्षो से पता चलता है कि पेरियोडोंटल से ग्रस्त महिलाओं में अन्य महिलाओं की अपेक्षा मौत का खतरा 12 फीसदी अधिक रहता है।

रजोनिवृत्ति के बाद यदि किसी महिला के सारे दांत टूट जाते हैं तो उसकी मौत का खतरा 17 फीसदी तक बढ़ जाता है।

अमेरिका के बफेलो विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर माइकल जे. लामोंटे ने कहा, "हमारे निष्कर्षो से पता चलता है कि बुजुर्ग महिलाओं में पेरियोडोंटल से मृत्यु का जोखिम ज्यादा होता है और मुख संबंधी जांच से इन्हें फायदा पहुंच सकता है।"

लामोंटे ने कहा, "इससे मौखिक कार्यो और आहार पर नकारात्मक प्रभाव के अलावा इस स्थिति को बुढ़ापे व पुरानी बीमारियों से जुड़ा माना जाता है।"

इस शोध का प्रकाशन 'जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन' में किया गया है। इस शोध के लिए दल ने 55 साल और इससे ज्यादा उम्र कि 57,001 महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया है।

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