Happy Diwali: इस साल ऐसे मनाएं इको-फ्रेंडली दिवाली, फॉलो करें ये टिप्स
ऐसे मनाएं इको-फ्रेंडली दिवाली...
दिवाली आने में अब कुछ समय ही बचा है और इस त्योहार को लेकर बच्चों से लेकर बूढ़े तक एक्साइटेड रहते हैं। हालांकि बदलते मौसम और बढ़ते प्रदूषण में इस बात का सबको ख्याल रखना चाहिए कि उनका कोई भी कदम इस स्थिति को और बदतर न करें। इसलिए कोशिश करें कि आप ये दिवाली इको-फ्रेंडली तरीके से मनाएं, जिससे प्रदूषण न हों।
'जेडपैक' के संस्थापक राजेश अग्रवाल और 'श्रेया जैन कूट्यो' की संस्थापक श्रेया जैन ने इस संबंध में कुछ सुझाव दिए हैं जो इस दिवाली लोगों के लिए पर्यावरण के अनुकूल और प्राकृतिक संरक्षण को ध्यान में रखकर खरीदारी करने में मददगार साबित होंगे:
- दुकानदार और खरीदार अभी भी प्लास्टिक के बैग का इस्तेमाल कर रहे हैं। प्लास्टिक मिट्टी के उपजाऊपन को नुकसान पहुंचाता है और ये आसानी से नष्ट नहीं होता है। पर्यावरण संरक्षण में छोटा सा योगदान देते हुए खरीदार कपड़े के या जूट के बने बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- गिफ्ट रैप करने के लिए भी बड़े पैमाने पर प्लास्टिक रैपर का इस्तेमाल होता है। न्यूजपेपर से बने या ग्रीन फैब्रिक से बने रैपर का इस्तेमाल करें या ब्राउन बैग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लोग घर पर अपनी सहजता के हिसाब से गिफ्ट रैपर डिजाइन भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको चार्ट पेपर और डिजाइन व पैटर्न बनाने के लिए परिवार के किसी सदस्य के कलात्मक हुनर की जरूरत होगी, जो अच्छे से रैपर डिजाइन कर सके।
- एलईडी लाइट ऊर्जा की बचत करने वाले उत्पादों में एक उपयोगी अविष्कार है। लोग अनावश्यक विद्युत खर्चे से बचने के लिए खरीदते हैं। इस दिवाली आप एलईडी स्ट्रिप खरीद सकते हैं, जो उचित और पर्यावरण के अनुकूल भी होगा। इसे बनाने में गैलियम फोस्फाइड का इस्तेमाल होता है जिसकी वजह से कम ऊर्जा में भी अच्छा प्रकाश देता है और विश्वसनीय व टिकाऊ होता है।
- वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए पटाखों से दूरी बनाना ही बेहतर होगा। आप दूसरों को भी पटाखें नहीं खरीदने को लेकर जागरूक कर सकते हैं। पटाखों का जहरीला धुंआ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और आसमान में भी धुंध सा छा जाता है, इसलिए इस दिवाली को सुरक्षित रूप से अपनों के साथ खुशी से मनाएं।
- दिवाली खुशियों और उल्लास का त्योहार है। जो लोग नए कपड़ों और मिठाईयों का खर्च वहन कर सकते हैं, वह फूड वेस्टेज को कम करने में मदद कर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकते हैं और गरीब बच्चों व परिवारों को मिठाईयां व कपड़े बांट सकते हैं। यह न सिर्फ आपकी दिवाली को खास बना देगा बल्कि आसपास के माहौल को भी खुशनुमा बना देगा।
(IANS इनपुट के साथ)
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