नई दिल्ली: विद्यार्थियों द्वारा देर रात तक अध्ययन करने से खराब अंक आने की संभावना रहती है। ऐसे में विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए प्राकृतिक रूप से समय का निर्धारण करना बेहतर होता है। ऐसे विद्यार्थी, जिनकी समय सारिणी उनकी कक्षा के निर्धारण से मेल नहीं खाती, जैसे रात में जगने वाले विद्यार्थी सुबह की कक्षाओं में जाते हैं, तो उन्हें खराब अंक हासिल होते हैं।
कैलिफोर्निया-बर्कले विश्वविद्यालय में किए गए इससे संबंधित एक शोध के सह-लेखक बेंजामिन स्मार ने कहा, "हमने पाया है कि ज्यादातर विद्यार्थी अपनी कक्षाओं के समय की वजह से पिछड़ जाते हैं, जो शैक्षिक प्रदर्शन में कमी के साथ गंभीरता से जुड़ा है।"
इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए दल ने कैंपस सर्वर में लॉग करने वाले करीब 15,000 विद्यार्थियों की ऑनलाइन क्रियाविधि पर नजर रखीं। इसमें विद्यार्थियों को उनकी कक्षा में नहीं होने व गतिविधियों के आधार पर बांटा गया और शोधकर्ताओं ने उनकी कक्षा के समय व अकादमिक नतीजों की तुलना की।
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