आंतों में मौजूद बैक्टीरिया भी बन सकते हैं पेट के कैंसर का कारण, पढ़िए पूरी रिपोर्ट
प्रदूषण और खराब लाइफस्टाइल की वजह से आजकल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी आम हो गई है।
प्रदूषण और खराब लाइफस्टाइल की वजह से आजकल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी आम हो गई है। भारत में हर साल लाखों लोग कैंसर की बीमारी से मर जाते है। आज हम बात करेंगे आंत में कैंसर के प्रकार। कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कुछ लोगों के आंत में एक अलग तरह की बैक्टीरिया विकसित होती है और उन लोगों को आंत की कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
आंत के अंदर 'इंटेस्टेनियल माइक्रोबायम' नाम का बैक्टीरिया होता है जो आंत के अंदर फंग्स, बैक्टीरिया और वायरस इकट्ठा होने लगता है। वहीं रिसर्चर इस बात का पता भी लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या इंटेस्टाइन के माइक्रोबायोम में कैंसर वाले वायरस पैदा हो रहे हैं या किसी खास तरह की बैक्टीरिया ऐसा कर रही है। आइए हम आपको बताते हैं इस कैंसर और इससे जुड़े कुछ तथ्य के बारे में।
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बाउल कैंसर क्या है?
बाउल कैंसर लार्ज इंटेस्टाइन यानी कि बड़ी आंत में होता है। लार्ज इंटेस्टाइन में जैसे ही कैंसर की शुरूआत होती है, उसके आधार पर इस बाउल कैंसर को कभी-कभी कोलन या रेक्टल कैंसर भी कहा जाता है।
आंत कैंसर के 3 मुख्य लक्षण होते हैं:
शौच करते वक्त लगातार ब्लिडिंग होना।
ज्यादातर पेट खराब रहना और तीसरा और सबसे महत्वूर्ण अक्सर पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना, सूजन या बेचैनी होना, जो अक्सर खाने के बाद होती है।
इन तीनों के अलावा व्यक्ति के वजन में लगातार गिरावट रहना है और पेट की परेशानियां बढ़ना।
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