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Hindi News लाइफस्टाइल हेल्थ स्‍कॉटलैंड के डॉक्‍टर मरीजों को दे रहे दवाओं के साथ 'बादलों को देखने' और 'ओस पर चलने' की सलाह, जानें क्यों

स्‍कॉटलैंड के डॉक्‍टर मरीजों को दे रहे दवाओं के साथ 'बादलों को देखने' और 'ओस पर चलने' की सलाह, जानें क्यों

दरअसल स्कॉटलैंड की जॉइंट मेडिकल बॉडी एनएचएस शेटलैंड और देश की सबसे बड़ी सरकारी लैब आरएसपीबी स्कॉटलैंड ने मिलकर फैसला किया है कि मरीजों को कुदरत के करीब लाना चाहिए।

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हेल्थ डेस्क: जब आप किसी डॉक्टर को अपना मर्ज दिखाने जाते है तो वो क्या करते है? सिंपल सा जवाब है कि वो हमें दवाएं लिखकर पर्चा थमा देते है। लेकिन एक ऐसी जगह है जहां के डॉक्टर्स ने एक नई पहल शुरु की है। जी हां स्कॉटलैंड के डॉक्टर पर्चे पर दवाइयों के साथ-साथ कुदरती सलाह भी देंगे। कुदरती सलाह यानी कि गीला घांस में घूमें या फिर तारें को देखें, बादलों के देखने आदि। दरअसल स्कॉटलैंड की जॉइंट मेडिकल बॉडी एनएचएस शेटलैंड और देश की सबसे बड़ी सरकारी लैब आरएसपीबी स्कॉटलैंड ने मिलकर फैसला किया है कि मरीजों को कुदरत के करीब लाना चाहिए।

इस देश के सभी बड़े डॉक्टर और हॉस्पिटल इन दोनों संस्थाओं से ही जुड़े हैं। सभी ने मिलकर तय किया है कि वे हर मरीज को उसकी जरूरत के मुताबिक मेडिकल डोज और साथ में कुदरती डोज की भी सलाह देंगे। दोनों मेडिकल बॉडी ने इसे एक नियम के तौर पर अपनाते हुए गाइडलाइन भी जारी कर दी हैं। साल के हर महीने के लिए अलग-अलग नेचर प्लान भी बनाया गया है। (जरूरत से ज्यादा विटामिन 'ए' आपके लिए हो सकता है खतरनाक, जानिए कैसे)

इतना ही नहीं उन्होंने देश के हर नागरिक से अपील की गई है कि वे इस नेचर प्लान का पालन करें, जो उन्हें सेहतमंद रखने में मदद करेगा। इस बारें में डॉक्टर्स का मानना है कि मरीजों का कुदरत के करीब रहना उन्हें डिप्रेशन, तनाव और दिल की बीमारियों से बचने में मदद करेगा।

जानें क्या है इनका नेटर प्लान
डॉक्टर्स ने नेचर प्लान हर माह के लिए अलग तरीके से बनाया है।
जनवरी-फरवरी: हवा की रफ्तार को महसूस करिए।
मार्च: कलाकृतियां बनाइए। कोई जानवर पालिए।
अप्रैल: समुद्र किनारे बैठिए। पानी में पैर डालकर बैठिए।
मई: हरियाली के करीब आइए।
जून-जुलाई: गीली घास पर नंगे पांव घूमिए। अपने चेहरे को भी घास पर छुआइए।
अगस्त: अलग-अलग तरह की घास और पेड़ के बारे में जानिए। सिर्फ पढ़ें नहीं, इन्हें छूकर देखें।
सितंबर: मिट्टी में घर बनाने वाले किसी कीड़े को देखें। अगर वो बाहर नहीं आ पा रहा तो उसकी मदद करें।
अक्टूबर: किसी सार्वजनिक स्थल की सफाई करें।
नवंबर: बादलों को बनते-बिगड़ते देखें। तारे गिनें।
दिसंबर: आपके घर के आंगन में रोज सुबह कुछ चिड़ियां आती हैं। उन्हें देखिए।
 
90 मिनट रहें कुदरत के साथ फिर मिलेंगे इन बीमारियों से निजात

  • इस बारें में डॉक्टर्स का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति रोजाना 90 मिनट कुदरत को अपना वक्त देता है। तो उसके बदले कुदरत उसे ऐसी चीजें देती है। जिससे वह खई खतरनाक बीमारियों से बच जाएंगे।
  • 90 मिनट तक कुदरत के करीब रहने पर हम 2 दिन तक के लिए डिप्रेशन, तनाव के खतरे से दूर हो जाते हैं।
  • हरियाली और कुदरत के पास घर होने पर दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा 20% तक कम हो जाता है।
  • अस्पताल में मरीज की बेड से नेचुरल व्यू मिलता है तो रिकवरी में बाकी मरीजों की तुलना में 9% कम समय लेता है।
  • 21 दिन तक नेचुरल एक्टिविटी करने पर व्यक्ति के खुद अच्छा महसूस करने की संभावना 30% तक बढ़ जाती है।

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