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अगर दिल को रखना है हेल्दी, तो इस चीज से बनाएं दूरी

सामान्य तरीके से तनाव प्रबंधन का लक्ष्य व्यक्ति में माहौल के हिसाब से तनाव को कम करना होता है और इससे तनाव से बेहतर तरीके से लड़ा जाता है।

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हेल्थ डेस्क: हम अपने दिल को फिट रखने के लिए क्या नहीं करते है। जिससे इस समस्या से निजात पा सकें। इसके लिए आप स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्निक्स(तनाव प्रंबंध तकनीक) अपना सकते है। इस तकनीक ने केवल आपका दिल ही फिट नहीं रहेगा। इससे आपको कई और बीमारियों से निजात मिल जाएगा। जानिए इस तकनीक को करने के फायदे।

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हृदय रोगियों के लिए तनाव प्रबंध कार्यक्रम जरूरी है। जिन मरीजों को कार्डियोवस्कुलर का खतरा हो और उनको मनोसामाजिक तनाव हो तो उनको एक तनाव प्रबंध कार्यक्रम अपनाना चाहिए। यह कहना है, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) मनोनीत अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल का। उन्होंने कहा कि सामान्य तरीके से तनाव प्रबंधन का लक्ष्य व्यक्ति में माहौल के हिसाब से तनाव को कम करना होता है और इससे तनाव से बेहतर तरीके से लड़ा जाता है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि तनाव प्रबंध तकनीक में मांसपेशियों को राहत, शांत माहौल, पैसिव एटीट्यूड और गहरी सांस लेने वाली चीजों को अपनाया जाता है। शारीरिक बदलाव में ऑक्सीजन ग्रहण करने में कमी, दिल की धड़कन में कमी और सांस संबंधी दर में कमी व पैसिव एटीट्यूड और मस्कुलर रीलैक्सेशन को अपनाया जाता है। इस तरह के बदलाव करने से नर्वस सिस्टम एक्टिविटी में कमी आती है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अन्य मापकों में जैसे कि रीलेक्सेशन की तकनीक और बायोफीडबैक से ब्लड प्रेशर में कमी हो जाती है। व्यवहार में बदलाव के कार्यक्रम अपनाने से और धूम्रपान त्यागने से भी इसमें कमी होती है। इसके अलावा दवा लेने से भी तनाव संबंधी कार्यक्रम में बेहतर परिणाम सामने आते हैं।

उन्होंने कहा कि ड्रग्स जैसे कि बीटा ब्लॉकर्स और साइकोसोशियल इंटरवेनशन के लिए ली जाने वाली दवाओं से तनाव के कुछ रूपों में फिजियोलॉजिक रिस्पांस की कमी हो जाती है।

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