हेल्थ डेस्क: जब प्यास लगती है तो हम न दाएं देखते हैं और बाएं बस पानी से भरा बोतल मिले और खड़े-खड़े पीने लगते हैं। लेकिन क्या आपको पता है ये अचानक से खड़े-खड़े पानी पीने का तरीका आपको बीमार कर सकती है।
अक्सर कई लोग घर में घुसते ही फ्रिज से पानी की ठंडी बोतल निकालकर एक ही घूंट में खड़े-खड़े अपना गला तर करने लगते हैं। पर क्या आप जानते हैं आपकी यह आदत आपकी सेहत पर बहुत भारी पड़ सकती है। क्या फर्क पड़ता है पानी खड़े होकर पिएं या बैठकर, प्यास बुझनी चाहिए। यह तर्क भले ही आज भी पीढ़ी दे, मगर प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में इसे गलत बताया गया है।
जोड़ों में दर्द
विशेषज्ञों की मानें, तो खड़े होकर पानी पीने से शरीर के अन्य तरल पदार्थों का संतुलन बिगड़ जाता है। जिसकी वजह से व्यक्ति के जोड़ों में दर्द और गठिया जैसी परेशानियां उत्पन्न होती हैं।
दिल की बीमारी
यही नहीं, जब खड़े होकर पानी पीते हैं, तब पानी तेजी से गुर्दें के माध्यम से बिना अधिक छने गुजर जाता है। इसके कारण मूत्राशय या रक्त में गंदगी इकट्ठा हो सकती है, जिससे मूत्राशय, गुर्दे और दिल की बीमारियां घेरने लगती हैं।
प्यास नहीं बुझती
खड़े होकर पानी पीने का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि ऐसा करने से जल्दी प्यास भी नहीं बुझती। आयुर्वेद में भी कहा भी गया है के पानी ऐसे पियो जैसे कि खा रहे हो।
पाचन तंत्र
जब आप बैठकर पानी पीते हैं तो अपनी मांसपेशियों के साथ आपका नर्वस सिसटम भी आराम से काम करता है। ऐसा करते समय आपका नर्वस सिस्टम आपके दिमाग की नसों को तरल पदार्थ को तुरंत पचाने का संकेत देता है। वहीं अगर आप खड़े होकर पानी पीते हैं तो आपका पाचन तंत्र हमेशा खराब रहेगा।
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