दुनिया की एक-तिहाई आबादी पर तपेदिक का खतरा मंडरा रहा है। एक नए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। यह अध्ययन यूरोपियन रेसपिरेटरी जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जिससे पता चलता है कि दुनिया के हर चार में से एक व्यक्ति के शरीर में तपेदिक का बैक्टीरिया मौजूद है।
क्षय रोग, माइक्रोबैक्टीरियम टुबरकोलोसिस नामक बैक्टीरिया से होता है, जिससे हर साल एक करोड़ लोग प्रभावित होते हैं और लगभग 20 लाख लोगों की मौत हो जाती है। यह सबसे घातक संक्रामक रोग है।
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इसके अलावा, कई लोग इस बैक्टिरीया से ग्रसित होते हैं, लेकिन उन्हें सक्रिय तपेदिक रोग नहीं होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2035 तक दुनिया से तपेदिक को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
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डेनमार्क के आरहौस यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर क्रिस्चियन वेजसे का कहना है, "इस लक्ष्य को उन लोगों का इलाज किए बिना प्राप्त करना मुश्किल है, जिन्हें सक्रिय तपेदिक रोग नहीं है। क्योंकि अगर शरीर में इसका बैक्टीरिया मौजूद है तो उस व्यक्ति को जीवन में कभी भी तपेदिक रोग हो सकता है।"
इस अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया की लगभग एक-चौथाई आबादी निष्क्रिय तपेदिक रोग की चपेट में है।
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