पीरियड्स से कुछ दिन पहले लड़कियों को होती है PMS की समस्या, मूड स्विंग से लेकर सुसाइड के आते है ख्याल
पीएमएस यानी प्रीमेंस्ट्रुअल स्ट्रेस में किसी भी महिला को पीरियड्स शुरु होने से करीब 4 से 5 दिन पहले का समय होता है। इस रोग से ग्रसित होने पर महिला के व्यवहार में काफी बदलाव आता है।
हर एक लड़की की बढ़ती उम्र के साथ हॉर्मोनल चैंजेस भी आते हैं। इस कारण प्रीमेन्स्ट्रुअल सिन्ड्रोम (PMS) की प्रॉब्लम भी बढ़ जाती है। बीबीसी में छपी रिपोर्ट में बताया गया कि पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ़ साइंस जर्नल PLosONE में साल 2017 पीएमएस पर एक रिसर्च पब्लिश की गई थी। जिसमें बताया गया कि करीब 90 प्रतिशत महिलाएं पीएमएस का अनुभव करती हैं। वहीं 40 प्रतिशत महिलाओं को इस दौरान तनाव होता है। वहीं 2 से 3 प्रतिशत लोग तनाव की शिकार हो जाती है। जिसका असर उनके आम दिनचर्या पर पड़ता है। जानें इस बीमारी के बारे में सबकुछ।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार ऐसे ही एक मामला राजस्थान के अजमेर से सामने आया, जिसमें एक महिला ने अपने तीन बच्चों को कुएं में फेंक दिया था। इनमें से एक बच्चे की मौत हो गई थी। जब राजस्थान हाईकोर्ट में केस चला तो महिला की तरफ से दलील दी गई कि घटना के समय वह प्री-मेंस्ट्रुअल स्ट्रेस (पीएमएस) के दौर से गुज़र रही थीं जिस वजह से उन्हें ध्यान नहीं रहा कि वो क्या क़दम उठाने जा रही हैं। कोर्ट ने महिला की दलील से सहमत होते हुए उन्हें बरी कर दिया।
क्या होता है पीएमएस?
पीएमएस यानी प्रीमेंस्ट्रुअल स्ट्रेस में किसी भी महिला को पीरियड्स शुरु होने से करीब 4 से 5 दिन पहले का समय होता है। इस रोग से ग्रसित होने पर महिला के व्यवहार में काफी बदलाव आता है। महिला को किसी चीज की खाने की बहुत अधिक लालसा होती है या फिर कुछ ज्यादा ही गुस्सा या फिर चिड़चिड़ा हो जाता है। कई बार तो महिलाओं के मन में आत्महत्या जैसे ख्याल भी आने लगते है।
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इस बारे में डॉक्टर्स का कहना है कि जब महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण पीएमएस होता है तो उन्हें शरीर में दर्द महसूस होता है। खासकर ब्रेस्ट या फिर पेट पर। वहीं कई लड़कियों का मूड अचानक बदल जाता है। वह गुस्सैल होने के साथ-साथ छोटी सी बात में रो या फिर हंस देती हैं।
पीएमएस के लक्षण
शारीरिक संकेत
- अधिक भूख लगना।
- सिरदर्द
- जोड़ों में दर्द
- पैरों और हाथों में सूजन
- पिंपल्स
- वजन तेजी से बढ़ना
- डायरिया या कब्ज होना
- पेट फूलना
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इमोशनल संकेत
- मूड बदलते रहना
- डिप्रेशन
- रोना
- ठीक से सो न पाना
- लोगों से दूरी बनाना
- अधिक गुस्सा आना
बिहेबियर में बदलाव
- चीजों को भूल जाना
- मानसिक ध्यान का नुकसान
- अधिक थकान होना
किन्हें होता है पीएमएस
लड़कियों और महिलाओं में से किसी को भी पीएमएस हो सकता है। लेकिन इन महिलाओं को इस रोग के होने का खतरा अधिक होता है।
- 20 साल के ऊपर और 40 साल की कम महिलाओं को
- जिसके बच्चे हो
- परिवार का कोई सदस्य डिप्रेशन में हो
- बेबी ब्ल्यूज़ (प्रसवोत्तर अवसाद), अवसाद
पीएमएस होने के कारण
पीएमएस होना एक आम बात है अभी तक डॉक्टर्स भी इसका सटिक कारण नहीं बता पाए हैं। पीरियड्स के समय आपके शरीर में बदलाव के कारण पीसीएस होता है। इसके अलावा इन कारणों से भी इससे आप ग्रसित हो सकती हैं।
- स्मोकिंग
- बहुत अधिक स्ट्रेस
- एक्सरसाइज न करने के कारण
- अनिद्रा की शिकायत
- अधिक मात्रा में एल्कोहाल, नमक, शुगर और लाल मीट का सेवन
- डिप्रेशन के कारण
पीएमएस से कैसे करें बचाव
पीएमएस से बचने के कई तरीके है। अगर आप हमेशा के लिए इससे निजात पाना चाहती हैं तो आपको खुद की मदद करनी होगी। जिसमें यह आइडिया काम आ सकती है।
- रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें।
- हेल्दी फूड्स जैसे फल, अनाज और सब्जियों का सेवन करें।
- अधिक से अधिक कैल्शियम वाले फूड जैसे डेरी प्रोडक्ट, हरी पत्तियों वाली सब्जी आदि का सेवन करें।
- नमक, एल्कोहाल और कैफीन से दूरी बनाए
- स्मोकिंग से दूर रहें
- नियमित समय में सोने की आदत डालें
- कम तनाव में काम करने की कोशिश करें।
आप चाहे तो कोई सप्लीमेंट जैसे विटामिन बी, जी, बी12, मैग्नीशियम, कैल्शियम आदि का सेवन करें। लेकिन इनका सेवन करने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।