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अगर आपको बढ़ानी है उम्र, तो अपनी सोच ऐसी रखें

एक शोध में ये बात सामने आई कि आपकी सोच से भी आपकी सेहत में फर्क पड़ता है। अगर आपने अपनी लाइफ के बारें में सकारात्मक सोचा तो आपकी लाइफ अच्छी तरह से कट जाएंगी। लाइफ को लेकर आशावादी नजरिया रखना लोगों की लंबी आयु का राज हो सकता है।

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हेल्थ डेस्क: हर कोई खुद को फिट रखने के लिए क्या नहीं करता है। जिससे कि वह फिट रहने के साथ-साथ उसकी उम्र भी बढ़ जाएं। इसके लिए वह हर वो काम करते है। बदलती लाइफस्टाइल के कारण हम कई बीमारियों की चपेट में आ जाते है। कैंसर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते है।

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एक शोध में ये बात सामने आई कि आपकी सोच से भी आपकी सेहत में फर्क पड़ता है। अगर आपने अपनी लाइफ के बारें में सकारात्मक सोचा तो आपकी लाइफ अच्छी तरह से कट जाएंगी। लाइफ को लेकर आशावादी नजरिया रखना लोगों की लंबी आयु का राज हो सकता है।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक नये अध्ययन के मुताबिक आशावादी महिलाओं में कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, श्वसन संबंधी रोग और संक्रमण समेत अन्य कारणों से मृत्यु का खतरा कम आशावादी महिलाओं की तुलना में कम होता है।

अमेरिका के हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में रिसर्च फैलो एरिक किम ने बताया, जहां अधिकतर चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कार्यक्रमों में बीमारियों के खतरे को कम करने पर बल दिया जाता है, वहीं इस बात के सबूत मिले हैं कि मनोवैग्यानिक लचीलापन भी अंतर पैदा करता है।

किम ने कहा, हमारे नये अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि आशावाद को बढ़ावा देने के लिए हमें प्रयास करने चाहिए, जिसका संबंध स्वस्थ व्यवहार और जीवन की चुनौतियों से अच्छे तरीके से निपटने के साथ देखा गया है।

अध्ययन में पाया गया है कि स्वस्थ व्यवहार आशावाद और मृत्यु के खतरे के बीच के संबंध को आंशिक रूप से ही दर्शाता है। साथ ही एक और संभावना है कि बहुत अधिक आशावाद का संबंध हमारी जैविक प्रणाली से भी है। इस अध्ययन का प्रकाशन अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में हुआ है।

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