नई दिल्ली: चिकनगुनिया का वायरस काफी खतरनाक वायरस में से एक है इसमें व्यक्ति को बुखार होने के बाद काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। ऐसा कहा गया है कि इलाज से सावधानी भली। इसलिए बीमारी का इलाज करने से अच्छा है कि कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखकर हम इस बीमारी को दूर रखने का प्रयास करें। एक और जहां डेंगू जैसी बीमारी ने हमारी नाक में दम कर रखा था। वहीं दूसरी और एक्सपर्टस द्वारा मच्छर से पैदा होने वाली एक और बीमारी की पहचान की गई थी। जिसका नाम चिकनगुनिया बताया जा रहा था। चिकनगुनिया एक ऐसा विषाणु है जो व्यक्ति के शरीर में एडिस मच्छर के काटने से प्रवेश करता है। यह विषाणु ठीक उसी प्रकार की लक्षण वाली बीमारी पैदा करता है जिस प्रकार की स्थिति डेंगू रोग मे होती है।
चिकनगुनिया रोग के लक्षण
चिकनगुनिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें अचानक से आ जाने वाले बुखार के साथ व्यक्ति को जोड़ो में दर्द महसूस होता है। यह पीड़ा किसी भी व्यक्ति को लम्बे समय तक हो सकती है जो की उसकी उम्र पर निर्भर करता है। इसके अलावा उसे सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूखी उबकाई आना, थकान महसूस होना, त्वचा पर लाल रैशिज़ पड़ना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। चिकनगुनिया का पता ब्लड टेस्ट और कुछ ज़रूरी चिकित्सा परिक्षाओं से किया जा सकता है, जिसमें सेरोलॉजिकल और विरोलॉजिकल टेस्ट भी शामिल हैं।
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