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ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए साल में कराएं 2 बार MRI

ज्यादातर महिलाओं के लिए मैमोग्राम करवाना अभी भी महत्वपूर्ण है, लेकिन उच्च जोखिम श्रेणी की महिलाओं के लिए साल में एक बार मैमोग्राम्स कराने की बजाए हर छह महीने पर डीसीई-एमआरआई कराना ज्यादा बेहतर होगा।

CANCER- India TV Hindi Image Source : PTI CANCER

हेल्थ डेस्क: उच्च-जोखिम के जेनेरिक प्रोफाइल वाली युवा महिलाओं को स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए सालाना मैमोग्राम कराने की तुलना में हर छह महीने पर एमआरआई करवाना ज्यादा उचित रहेगा। ऐसा शोधकर्ताओं का कहना है। शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि हर छह महीने पर डायनेमिक-कंट्रास्ट-एंहैंस्ड मैगनेटिक रिसोनेंस इमेजिंग (डीसीई-एमआरआई) कराने से शुरुआती स्तर से पहले ही स्तन कैंसर का पता लगाया जा सकता है।

शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ओलुफनमिलायो ओलोपाडे ने बताया, "ज्यादातर महिलाओं के लिए मैमोग्राम करवाना अभी भी महत्वपूर्ण है, लेकिन उच्च जोखिम श्रेणी की महिलाओं के लिए साल में एक बार मैमोग्राम्स कराने की बजाए हर छह महीने पर डीसीई-एमआरआई कराना ज्यादा बेहतर होगा।"

यह शोध सालाना सैन एंटोनियो स्तन कैंसर सिम्पोजियम में प्रस्तुत किया गया, जिसमें ओलोपाडे ने कहा, "उच्च जोखिम वाली युवा महिलाओं के समूह, खासकर वे महिलाएं जिनमें बीआरसीए1 म्यूटेशन पाया गया है, उनके लिए हम हर छह महीने में डीसीई-एमआरआई कराने का समर्थन करते हैं।"

शोधकर्ताओं ने यह भी सलाह दी है कि सभी महिलाओं को बीआरसीए1 और बीआरसीए2 परीक्षण 30 साल की उम्र में करा लेना चाहिए, चाहे उनके परिवार में किसी को कैंसर रहा है या नहीं रहा है। इस परीक्षण से म्यूटेशन का पता लगाया जा सकता है और कैंसर से बचाव के लिए शुरुआती कदम उठाए जा सकते हैं।

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