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इतने घंटे सोना आपको बना सकता है पिता जल्दी, जानिए कैसे

पिता बनने की इच्छा रखने वाले लोगों को जल्दी बिस्तर पर सोने जाने की आदत फायदेमंद होती है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि आधी रात से पहले सोने वालों में शुक्राणु ज्यादा बेहतर व स्वस्थ रहते हैं।

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हेल्थ डेस्क: आज के समय में सब इतने बिजी हो गए है। जिसका असर हेल्थ पर अधिक पड़ने लगा है। इतना ही नहीं आपका अनियमित रुप से सोना आपको पिता बनने की इच्छा से दूर कर सकती है। जी हां एक शोध में ये बात सामने आई कि आपका देरी से सोना शुक्राणु का कम बनते है। जिसके कारण पिता बनने में समस्या आती है।

पिता बनने की इच्छा रखने वाले लोगों को जल्दी बिस्तर पर सोने जाने की आदत फायदेमंद होती है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि आधी रात से पहले सोने वालों में शुक्राणु ज्यादा बेहतर व स्वस्थ रहते हैं। एक शोध में पता चला है कि ऐसे लोग, जिन्होंने रात 8 बजे से 10 बजे के बीच में सोए, उनमें शुक्राणुओं की गतिशीलता सबसे अच्छी रही। इसका मतलब है कि शुक्राणु अच्छे तैराक रहे और उनके अंडे के निषेचित करने की संभावना अच्छी रही। (जानिए क्यों, प्रेग्नेंसी के समय पीठ के बल लेटना हो सकता है खतरनाक)

दूसरी तरफ ऐसे लोग जो आधीरात के बाद सोने गए, उनमें शुक्राणुओं की संख्या कम रही और उनके शुक्राणु जल्दी मर गए। छह घंटे या इससे कम की नींद इसे और बदतर बना देती है।

डेली मेल की शनिवार की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के हारबिन मेडिकल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि देर से बिस्तर पर जाना नुकसानदेह है, क्योंकि यह शुक्राणु विरोधी एंटीबॉडी के स्तर को बढ़ा देते हैं। यह एक प्रकार का प्रोटीन है, जिसे इम्यून सिस्टम द्वारा उत्पन्न किया जाता है। यह स्वस्थ शुक्राणुओं को नष्ट कर देता है।

पहले के शोध में पता चला था कि एक व्यक्ति जो आठ घंटे की नींद ले रहा है, उसकी तुलना में छह घंटे की नींद लेने वाले में शुक्राणुओं की संख्या 25 फीसदी कम होती है।

इस शोध का प्रकाशन पत्रिका 'मेडिकल साइंस मॉनिटर' में किया गया है। इसमें शोध दल ने 981 लोगों के नींद के तरीकों की निगरानी की। इसमें 981 स्वस्थ लोगों को एक निश्चित समय 8 बजे से 10 बजे, 10 बजे से मध्यरात्रि या इसके बाद बिस्तर पर जाने के लिए निर्देश दिया गया। (सावधान! वर्कआउट करने से घटने की बजाय बढ़ सकता है मोटापा, जानिए कैसे)

वैज्ञानिकों ने उनके नियमित शुक्राणुओं के नमूने लेकर उनके शुक्राणुओं की संख्या, आकार और गतिशीलता की जांच की।

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