हेल्थ डेस्क: अमेरिका के शोधार्थियों ने एक प्रायोगिक अध्ययन में पाया है कि लेजर के माध्यम से ट्यूमर पर सटीक तरीके से ऊष्मा का प्रभाव प्रोस्टेट कैंसर के मध्यवर्ती जोखिम से गुजर रहे पुरुषों के लिए लाभदायक हो सकता है।
ये भी पढ़े-
इसके साथ ही यह पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित दुष्प्रभावों से भी बचाव करता है। काफी पहले से प्रोस्टेट कैंसर का इलाज सर्जरी और विकिरण के माध्यम से ही होता रहा है। जिससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन और मूत्र असंयम जैसे कई दुष्प्रभाव होने का खतरा होता है। इस छह महीने की प्रक्रिया के दौरान शोधार्थियों को मूत्र और यौन गतिविधियों में कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं मिला।
यह तकनीक चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई) का प्रयोग करती है, जो कैंसर ट्यूमर में एक लेजर फाइबर की प्रविष्टि का मार्गदर्शन करता है। गरम होने पर लेजर कैंसर ऊतकों को नष्ट कर देता है।
युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक लियोनॉर्ड मार्क्स ने कहा, "यह तकनीक प्रोस्टेट कैंसर के उपचार के लिए एक नई और रोमांचक अवधारणा है।" यह शोध 'जर्नल ऑफ यूरोलॉजी' में प्रकाशित हुआ है।
Latest Lifestyle News