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डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चे भी सीख सकते हैं नार्मल तरीके से, जानिए कैसे

भारत में लगभग 10 से 15 प्रतिशत स्कूली बच्चे किसी न किसी प्रकार प्रकार के डिस्लेक्सिया से ग्रस्त हैं। हमारे देश में बहुत सारी भाषाएं हैं, जो स्थिति को और अधिक कठिन बना सकती हैं। जानिए इस स्थिति में उन्हें कैसे सीखा सकते है वो भी नार्मल तरीके से।

Dyslexia

सकारात्मक दृष्टिकोण रखें

  • बच्चे के साथ सकारात्मक तरीके से संवाद करें और धैर्य रखें। ऐसे बच्चों को चीजों को समझने में समय लगता है।
  • डिस्लेक्सिक बच्चे अधिक जिज्ञासु होते हैं। इसलिए, उन्हें तार्किक जवाब देना जरूरी है। उनके संदेह दूर करने में उनकी मदद करें।
  • विज्ञान और गणित को टाइम टेबल के हिसाब से पढ़ाने से उन्हें विषयों को समझने में मदद मिल सकती है।
  • ऑडियो-विजुअल सामग्री का अधिक उपयोग करें, क्योंकि वे इस तकनीक के साथ चीजों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। छोटे बच्चों के लिए फ्लैश कार्ड का उपयोग किया जा सकता है।
  • योग से ऐसे बच्चों में एकाग्रता बढ़ाई जा सकती है। सांस लेने के व्यायाम और वैकल्पिक चिकित्सा दवाइयों से स्थिति को संभालने में मदद मिल सकती है।

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