जानिए, आखिर लाइफ के लिए कितनी जरूरी है एक्सरसाइज
नार्वे के शोधकर्ताओं ने गतिविधि पर नजर रखने वाला एक अनोखा उपकरण विकसित किया है, जो आपके दिल की धड़कनें गिनकर बताएगा कि दिल का दौरा रोकने के लिए जरूरी व्यायाम आपको कितनी बार करनी है। शरीर की सक्रियता का एक मात्र सटीक संकेत दिल की धड़कन से मिलता है।
हेल्थ डेस्क: आज के समय में हर कोई फिट रहना चाहता है। जिसके लिए वह अपने व्यस्त समय से थोड़ा समय अपने को फिट रखने के लिए यानी एक्सरसाइज सहित और कामों के लिए निकलता है। कुछ लोग ऐसे भी है, जो चाहते हुए भी खुद के लिए समय नहीं निकाल पाते है। इसको लेकर एक शोध किया गया। जिसमें ये बात सामने आई कि अगर हम रोज एक्सरसाइज करें, तो हम अधिक सेहतमंद हो सकते है। जानिए इस शोध में क्या निष्कर्ष सामने आया।
नार्वे के शोधकर्ताओं ने गतिविधि पर नजर रखने वाला एक अनोखा उपकरण विकसित किया है, जो आपके दिल की धड़कनें गिनकर बताएगा कि दिल का दौरा रोकने के लिए जरूरी व्यायाम आपको कितनी बार करनी है। शरीर की सक्रियता का एक मात्र सटीक संकेत दिल की धड़कन से मिलता है।
अध्ययन में निजी गतिविधि के इंटेलीजेंस (पीएआई) के पीछे छिपे विज्ञान का खुलासा किया गया है। गतिविधि पर नजर वाला यह यंत्र दिल की धड़कन की गणना कर लोगों को ज्यादा सेहतमंद रहने में मददगार होगा।
नार्वे विश्वविद्यालय के ओस्लो में विज्ञान और तकनीकी के शोधकर्ता और प्रमुख लेखक डॉ. जावीद नुमन ने कहा, "नियमित व्यायाम से स्वास्थ्य लाभ होने की बात प्रमाणित है, लेकिन लोग यह नहीं जानते कि यह समय पूर्व मृत्यु रोकने में भी कारगर है।"
डॉ. नुमन ने पाया, "लोग जरूरत से ज्यादा गतिशील रहते हैं, क्योंकि उन्हें खुद के बारे में पता नहीं होता। सार्थक जानकारी यह है कि उन्हें किस तीव्रता की और कितनी शारीरिक गतिविधि की जरूरत है।"
पीएआई किसी भी शारीरिक गतिविधि को दिल धड़कने की दर से आंकता है। गतिविधि, जैसे इसमें टहलना, तैराकी, नृत्य, साइकिल चलाने वगैरह के साथ निजी जानकारी आयु, लिंग, आराम और दिल धड़कने की अधिकतम दर की गणना की जाती है।
डॉ. नुमान ने कहा, "इसका मकसद हफ्ते भर के उतार-चढ़ाव वाले माहौल में हृदय रोगों से असमय मौत से आपको बचाने के लिए यंत्र को आपकी पीएआई गणना 100 से ऊपर रखनी है।"
शोधकर्ताओं ने पीएआई विकसित करने के लिए 4,673 व्यक्तियों के आकड़ों का इस्तेमाल किया। इसमें लिए हंट फिटनेस अध्ययन और एल्गोरिथ्म का प्रयोग किया गया।
इसमें सौ से ऊपर पीएआई वाले पुरुषों और महिलाओं की संख्या 17 फीसद रही। इनमें अक्रियाशील महिलाओं और पुरुषों की तुलना में हृदय रोगों से मौत का खतरा 23 फीसद कम रहा।
इटली के रोम में इसी शनिवार को इस निगरानी यंत्र के पीछे छिपे विज्ञान का प्रदर्शन 'ईएससी कांग्रेस 2016' में किया गया।