नई दिल्ली: शरीर में विटामिन-डी की कमी से किडनी से संबंधित गंभीर रोग हो सकते है और खासकर बच्चों में इसका जोखिम अधिक होता है। एक नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। किडनी की गंभीर बीमारी (सीकेडी) से पीड़ित बच्चों में आमतौर पर विटामिन-डी की कमी पाई गई है। लंबे समय तक बीमारी रही, तो किडनी के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
शोधकर्ताओं ने कुछ परिवर्तनीय व गैर-परिवर्तनीय कारकों की पहचान की, जो विटामिन-डी की कमी वाले किडनी की गंभीर बीमारी (सीकेडी) से पीड़ित बच्चों से जुड़ा है।
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अध्ययन के मुताबिक, विटामिन-डी की कमी वाले लगभग दो-तिहाई बच्चे ग्लोमेरूलोपैथी (किडनी की कई बीमारियां जो नेफ्रॉन्स को प्रभावित करती हैं) जैसी अवस्था से पीड़ित होते हैं।
शरीर में साल के अन्य महीनों की तुलना में जाड़े के मौसम में विटामिन-डी की कमी होती है।
जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ हेडेलबर्ग के आनके दोयोन ने कहा, "विटामिन-डी का स्तर विटामिन-डी को नियंत्रित करने वाले जीन की तुलना में मौसम, बीमारी के प्रकार व पोषक तत्वों की पूरकता से काफी हद तक प्रभावित होता है।"
विटामिन-डी की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस, कैंसर, हृदय रोग तथा ऑटोइम्यून रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
अध्ययन के लिए के शोध दल ने 12 यूरोपीय देशों में किडनी की बीमारी से पीड़ित 500 बच्चों का अध्ययन किया गया।
निष्कर्ष पत्र 'क्लिनिकल जर्नल ऑफ द अमेरिकन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (CJASN)' में प्रकाशित हुआ है, जो मरीजों के इलाज में चिकित्सकों की सहायता कर सकता है।
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