हेल्थ डेस्क: काला ज्वर यानी काला अजार लीशमैनियासिस(Leishmaniasis) का सबसे गंभीर रुप माना जाता है। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि इस रोग के कारण दुनिया भर में सबसे ज्यादा परजीवी से होने वाली मौते में दूसरा स्थान है। यह धीमी गति से बढ़ने वाला एक देशी रोग है। भारत की बात करें तो यह तेजी से फैल रहा है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठनों की माने तो भारत में काला अजार के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है। भारत समेत यह हमारे पडोसी देशों जैसे-बांग्लादेश और नेपाल के कई हिस्सों में पाया जाता है।
भारत के पूर्वी के राज्य यानी कि बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के देशों में सबसे ज्यादा है।
WHO की रिपोर्ट के अनुसार, 'HIV और काला अचार के सह-संक्रमण की उभरती समस्या सभी के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। इस बीमारी के बाद पोस्ट काला अजार होने की संभावना होती है। जिसके कारण स्किन इंफेक्शन हो जाता है। जो कि बाद में जानलेवा साबित हो सकता है।'
जानिए क्या है काला अजार। साथ ही जानिए लक्षण, कारण और बचने क उपाय के बारें में।
क्या है काला अजार
यह एक घातक संक्रमण है जो एक परजीवी के कारण होता है। कीट के काटने से यह एक व्यक्ति से दूसरे में फैल जाता है। यह भारत में लीशमैनिया डोनोवानी(Leishmania donovani) नामक एकमात्र परजीवी के काटने से होता है। यह सीधे आपकी इम्यूनिटी सिस्टम को संक्रमित करता है। जिसका असर सीधे बोन मैरो, प्लीहा और लिवर में सबसे अधिक होता है। इसका अभी तक कोई वैक्सीन या टीका उपलब्ध नहीं है।
अगली स्लाइड में जानें काला अजार के लक्षण, कारण और बचाव के बारें में
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