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Hindi News लाइफस्टाइल हेल्थ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018: योग करने से पहले 'ऊं' का उच्चारण इसलिए होता है जरूरी

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018: योग करने से पहले 'ऊं' का उच्चारण इसलिए होता है जरूरी

आज यानि 21 जून को पूरा विश्व चौथा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है। मोदी सरकार के आने के बाद 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर यूएन से मान्यता दिलाने में भारत सरकार कामयाब रही है। हर साल इस दिन भारत में भी कई शहरों में योग के शिविर आयोजित किए जाएंगे। 

<p>International Yoga Day</p>- India TV Hindi Image Source : PTI International Yoga Day

हेल्थ डेस्क: आज यानि 21 जून को पूरा विश्व चौथा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है। मोदी सरकार के आने के बाद 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर यूएन से मान्यता दिलाने में भारत सरकार कामयाब रही है। हर साल इस दिन भारत में भी कई शहरों में योग के शिविर आयोजित किए जाएंगे। योगगुरू बाब रामदेव इस मौके पर कोटा में योग शिविर का आयोजन करेंगे। बाबा रामदेव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने शिविर के बारे में जानकारी दी थी।

आपको बता दें कि इस बार भी स्वामी रामदेव कोटा में कई विश्व रिकॉर्ड्स बनाने वाले हैं। पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भारत ने दो वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाए थे। इस खास मौके पर हम आपको योग से जुड़ी कई बातों का जिक्र करेंगे। 

योग से पहले क्यों करते हैं ऊँ की शुरुआत

सबसे पहले क्या कभी आपने सोचा हैं योग की शुरुआत हमेशा 'ऊं' शब्द से शुरु क्यों होता है। क्योंकि ओम (ॐ) बिना किसी घर की पूजा पूरी नहीं होती है, जो लोग आर्ट ऑफ लिविंग को फॉलो करते हैं वो भी इस शब्द से अछूते नहीं है। कहते हैं बिना ओम (ॐ) सृष्टि की कल्पना भी नहीं हो सकती है। माना जाता है कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्डसे सदा ॐ की ध्वनी निकलती है।

ऊँ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है  जो कि थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। अगर आपको ऊँ के उच्चारण करते वक्त घबराहट महसूस होती है तो आप आंखें बंद करके 5 बार गहरी सांसे लेते हुए ऊँ का उच्चारण करें। यह शरीर के विषैले तत्वों को दूर करता है इसलिए तनाव को दूर करता है।

क्या है योग
किसी काम से मन को जोड़ दे तो यही योग है। कर्म में कुशलता ही योग है। हमेशा से योग की शुरुआत ऊं के उच्चारण से होती है। केवल 10 से 15 मिनट रोजाना योग करें और फिर इसके फायदे देखें।
 

आपको बता दें कि कोटा में योग से जुड़े 100 से ज्यादा नए रिकॉर्ड बनाए जाएंगे। बाबा रामदेव अपने शिष्यों के साथ कई योग और आसन करके भी दिखा रहे हैं। ये पूरा आयोजन बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि योग समिती राजस्थान सरकार मिल कर रहे हैं। इस शिविर में स्वयं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल हैं।

बाबा रामदेव ने कहा कि शिक्षा नगरी कोटा आज को योग नगरी में बदल जाएगी। उन्होंने बताया कि इस मौके पर 2 लाख लोग एक साथ योग करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि समाज के बीच का अविश्वास दूर करने में भी योग सहायक सिद्ध होगा। बाबा रामदेव के अतिरिक्त भारत सरकार के विभिन्न मंत्री 21 जून को देश के अलग अलग शहरों में योग करते नजर आएंगे।

 

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