asthma
अस्थमा और सीओपीडी
योग को लेकर इस बीमारी में रिसर्च की गई है। जिस टीम ने यह रिसर्च की उसमें एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया हैं। जिसके बाद डॉक्टर ने बताया कि अगर अस्थमा के मरीज लगातार 10 दिनों तक इससे संबंधित योग करें, तो उन्हें बार-बार सांस फूलने की दिक्कत में आराम मिल सकता है। इसके साथ ही जो लोग सीओपीडी की समस्या से ग्रसित है। वह लोग योगासन करें, तो सिर्प 7 दिन में ही इनहेलर की जरूरत कम पड़ती है और बाहर से लगाई जाने वाली ऑक्सीजन में भी कमी आती है। योग करने से रोजमर्या की कई बीमारियों से बचा जा सकता है।
मेटाबॉलिक सिंड्रोम से दिलाएं निजात
यह सिंड्रोम कई बीमारियों से मिलकर बना होता है। जैसे कि मोटापा, कॉलेस्ट्रॉल और बीपी आदि समस्याएं देखी गई है। इस सिंड्रोम से पीड़ित लोगों को डायबिटीज होने के चांस बाकी लोगों से 5 गुना ज्यादा और हार्ट डिजीज होने के चांस तकरीबन 2 गुना ज्यादा रहता है।
रिसर्च से पता चला कि इस सिंड्रोम की जड़ में तनाव सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। इसके लिए 86 लोगों पर तकरीबन 10-10 दिनों तक कई तरह के योगासन करवाने से पता चला कि स्ट्रेस पैदा करने वाले हॉर्मोंस का लेवल घटा और स्ट्रेस कम करने वाले हॉर्मोंस का लेवल तेजी से बढ़ा।
डिप्रेशन में भी योग काफी कारगर साबित हुआ है। कार्यक्रम में भाग ले रहे डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ. राजकुमार यादव ने बताया कि कुछ दिनों पहले उनके पास 25-26 साल का एक इंजीनियर डिप्रेशन के हालात में आया जो आत्महत्या के बारे में लगातार सोच रहा था। उसे 1 महीने तक स्ट्रेस कम करने के लिए एक खास योग प्रोटोकॉल को फॉलो करवाया गया, जिससे उसे काफी आराम मिला।
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