नई दिल्ली: बुजुर्गो और बच्चों के बीच दूरियां मिटाकर दोनों के जीवन को एक नई दिशा और दशा देने के लिए शुरू की गई देश में अपने तरह की अनोखी पहल इंटरजनरेशनल लर्निग सेंटर (आईजीएलसी) का विस्तार देशभर में करने के मुद्दे पर रविवार को यहां एक गोलमेज बैठक आयोजित की गई। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आयोजित बैठक में इस पहल के संयोजक, डॉ. प्रसून चटर्जी ने फिलहाल दिल्ली में इस तरह के चार और केंद्र शुरू करने की घोषणा की।
एम्स, दिल्ली के जरा चिकित्सा विभाग में सहायक प्रोफेसर, डॉ. चटर्जी ने इस पहल की शुरुआत प्रयोग के तौर पर नोएडा सेक्टर 12 स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 14 सितंबर, 2017 को की थी, जिसके उत्साहवर्धक परिणाम सामने आए हैं। इस पहल के तहत बुजुर्ग कक्षाओं में जाकर बच्चों को पढ़ाते हैं।
डॉ. चटर्जी के अनुसार, गैर सरकारी संगठन, हेल्दी एजिंग इंडिया, एम्स (दिल्ली), गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति की सहभागिता में शुरू की गई इस पहल के तहत कुछ ही दिनों के अंदर बुजुर्गो और बच्चों में सकारात्मक बदलाव देखे गए हैं। बुजुर्गो में एक नई जीजीविशा देखी गई है। बैठक में वक्ताओं ने इस तरह के और केंद्र शुरू करने की जरूरत बताई और इस पहल को राष्ट्रीय स्तर का अभियान बनाने की वकालत की।
फिलहाल दिल्ली में ऐसे चार और केंद्र शुरू करने का निर्णय बैठक में लिया गया। बैठक में केंद्रीय युवा मामलों के सचिव डॉ. ए.के. दूबे, अतिरिक्त जनगणना महापंजीयक अनिल संत, एम्स (दिल्ली) के जरा चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष डॉ. ए.बी. डे सहित यूनीसेफ, यूएनएड के अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने विचार रखे।
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