हेल्थ डेस्क: भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाएं 13 फीसदी कम प्रोटीन का सेवन करती हैं। इसलिए महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम बढ़ जाता है। दिल्ली की मोबाइल स्वास्थ्य एवं फिटनेस कंपनी हेल्दीफाईमी के एक सर्वेक्षण में यह सामने आया है।
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यह रिपोर्ट 'हेल्दीफाईमीटर जेंडर वॉच 2017' शीर्षक के साथ गुरुवार को जारी की गई। यह रिपोर्ट 15 लाख से ज्यादा हेल्दीफाईमी एप उपभोक्ताओं के 6 करोड़ भोज्य आहार के आधार पर जुटाई गई है। इसमें आधी महिलाएं हैं। इसमें देश के करीब 200,000 इलाकों को शामिल किया गया है।
आहार विशेषज्ञों के अनुसार, एक भारतीय वयस्क के लिए भोजन में प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट का अनुपात 20:30:50 है। इसके बाद भी पुरुषों की तुलना में महिलाओं के बीच में प्रोटीन की खपत लगातार कम बनी हुई है।
एक बयान में हेल्दीफाईमी के मुख्यकार्यकारी अधिकारी और सह संस्थापक तुषार वशिष्ठ ने कहा, "प्रोटीन की कमी से उपापचय में गिरावट, वजन में कमी, थकावट, कमजोर एकाग्रता जैसे लक्षण दिखते हैं। इससे शरीर की प्रतिरोधकता में कमी आती है।"
गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल (इंडोक्राइनोलाजी और मधुमेह प्रभाग) के प्रमुख अंबरीश मिथल ने कहा, "महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा ज्यादा होता है। इस वजह से कम प्रोटीन के सेवन से उनमें हड्डियों के टूटने का खतरा ज्यादा होता है। ऑस्टियोपोरोसिस वह स्थिति है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।"
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा कार्बोहाइड्रेट और वसा की मात्रा आहार में ग्रहण करती है।
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