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प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले इस दुर्लभ किस्म के कैंसर का इलाज इस थेरेपी द्वारा संभव

गर्भावस्था के दौरान होने वाले दुर्लभ किस्म के कैंसर के इलाज में उस समय एक इम्युनोथेरेपी ड्रग का इस्तेमाल किया जा सकता है, जब वर्तमान उपचार काम नहीं आते। यह शोध लांसेट जर्नल में प्रकाशित हुआ।

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हेल्थ डेस्क: कैंसर एक ऐसी गंभीर बीमारी है। कब किसे हो जाएं कुछ कहा नहीं जाता है। जब हमारे शरीर में एब्नार्मल सेल की संख्या ज्यादा हो जाती है, तो कैंसर का शुरुआत होती है। इन्हीं में से एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर होता है। जो कि प्रेग्नेंसी के समय होता है। हाल में ही एक रिसर्च हुई कि इस प्रकार के कैंसर का इलाज इम्युनोथेरेपी दे द्वारा हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान होने वाले दुर्लभ किस्म के कैंसर के इलाज में उस समय एक इम्युनोथेरेपी ड्रग का इस्तेमाल किया जा सकता है, जब वर्तमान उपचार काम नहीं आते। यह शोध लांसेट जर्नल में प्रकाशित हुआ।

कैंसरस स्टेशनल ट्रोफोब्लास्टिक डिजीज के चार में से तीन मरीजों को इम्युनोथेरेपी ड्रग पेमब्रोलाइजुमाब दिए जाने के बाद फायदा हुआ।

ब्रिटेन स्थित इम्पिरियल कॉलेज लंदन के माइकल सेकल ने कहा, ‘‘ पहली बार हम यह साबित कर पाए हैं कि कैंसर युक्त जीटीडी के मरीजों के इलाज में इम्युनोथेरेपी का इस्तेमाल किया जा सकता है।’’

मुख्य शोधकर्ता सेकल ने कहा, ‘‘ जीटीडी के लिए वर्तमान उपचार ज्यादातर मामलों में कारगर होते हैं। हालांकि जिन महिलाओं पर ये परंपरागत थेरेपी काम नहीं करती उन पर परिणाम जानलेवा होता है।’’

जीटीडी शब्द असामान्य कोशिकाओं या ट्यूमर के लिए इस्तेमाल होता है। यह पेट से शुरू होता है खासकर उन कोशिकाओं से जिनसे गर्भनाल बनती है। दुनियाभर में प्रतिवर्ष 18,000 महिलाओं में कैंसरस जीटीडी की पहचान होती है।

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