हेल्थ डेस्क: आईआईटी रूड़की के छात्रों ने एक मोबाइल एप्लिकेशन ‘धड़कन’ विकसित किया है। यह ऐप हृदय रोग से पीड़ित मरीजों के स्वास्थ्य पर नजर रखेगा और आपात स्थिति में मेडिकल सहायता भी मुहैया कराएगा।
संस्थान में कंप्यूटेशनल बायोलॉजी समूह ने यह ऐप विकसित किया है। यह ऐप मरीज के स्वास्थ्य डाटा में कोई व्यापक बदलाव आने की स्थिति में स्वत: ही डॉक्टर और मरीज को सूचना भेज सकता है। इससे दिल का दौरा पड़ने की आशंका के बारे में भी संकेत मिल सकता है।
समूह का नेतृत्व बायोटेक्नोलॉजी विभाग में सहायक प्राध्यापक दीपक शर्मा ने किया। शर्मा ने कहा कि धड़कन नामक यह ऐप भारत के लिए काफी लाभदायक होगा जहां करीब 1 करोड़ लोग दिल की गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि यह ऐप निशुल्क उपलब्ध है।
इस ऐप को एम्स के विशेषज्ञों की मदद से डिजायन किया गया है।
ऐसे करेगा यह ऐप काम
दीपक शर्मा ने बताया कि ऐप में रजिस्ट्रेशन करना होगा और पूरी डिटेल्स देनी होगी। मरीज को अपनी चिकित्सीय देखभाल में लगे डॉक्टर, नर्स या पैरामेडिक की जानकारी देनी होगी। ऐप मरीज का ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, वजन समेत डेटा संग्रह करता है और मरीज की देखभाल करने वाले डॉक्टर या अन्य चिकित्सा सहायक को भेजता है।
उन्होंने बताया, 'यह डॉक्टरों और मरीजों के बीच दो तरफा कम्यूनिकेशन की सुविधा भी मुहैया कराता है। मरीज जरूरत पड़ने पर अपनी ईसीजी रिपोर्ट डॉक्टर को भेज सकता है। ऐप की मदद से न सिर्फ हर मरीज की मैनुअल मॉनिटरिंग की जरूरत खत्म हो जाएगी बल्कि उपचार अवधि के दौरान एहतियाती उपाय के सुझाव में भी मदद करता है।'
एम्स में कार्डियोलॉजी के प्रफेसर डॉ.संदीप सेठ ने बताया कि धड़कन के पहले वर्जन को मरीजों का डेटा रेकॉर्ड करने के लिए दो साल पहले विकसित किया गया था और इससे संस्थान में हार्ट फेल होने वाले मरीजों के चिकित्सीय प्रबंधन में काफी मदद मिली।
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