नई दिल्ली: जो लोग हर रात सात घंटे से कम सोते हैं, वे अपने दिल को बीमार करने का खतरा मोल ले रहे हैं। एक शोध में यह बात सामने आई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग सात घंटे से कम नींद लेते हैं, उनमें दिल की बीमारी (सीवीडी) और कोरोनरी हृदय रोग विकसित होने का खतरा ज्यादा रहता है।
पत्रिका एक्सपेरिमेंटल फिजियोलॉजी में प्रकाशित निष्कर्ष के अनुसार, वे लोग जो प्रति रात सात घंटे से कम सोते हैं, उनके शरीर के तीन नियामकों या माइक्रोआरएनए का रक्त स्तर निम्न होता है। माइक्रोआरएनए जीन अभिव्यक्ति को प्रभावित करते हैं और संवहनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अमेरिका में कोलोराडो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर क्रिस्टोफर डेसूजा ने कहा, "यह शोध एक नए संभावित तंत्र की ओर इशारा करता है, जिसके अनुसार नींद दिल के स्वास्थ्य और समग्र शरीर क्रिया विज्ञान को प्रभावित करती है।" शोध में 44 से 62 आयु समूह के अलग-अलग लोगों (महिलाएं व पुरुष दोनों) का शोधकर्ताओं ने नमूना लिया, जिसमें नींद संबंधी उनकी आदतों के बारे में उनसे एक प्रश्नावली भरवाई गई।
आधे प्रतिभागी रात में सात से 8.5 घंटे सोते थे, बाकी आधे लोग हर रात पांच से 6.8 घंटे सोते थे। अनुसंधान टीम ने पहले से संवहनी के स्वास्थ्य से जुड़े नौ माइक्रोआरएनए की अभिव्यक्ति को मापा।
उन्होंने पाया कि अपर्याप्त नींद लेने वाले लोगों में एमआईआर-125ए, एमआईआर-126, और एमआईआर-14एकी मात्रा पर्याप्त नींद लेने वाले लोगों की तुलना में 40 से 60 प्रतिशत कम थी।
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