नई दिल्ली: होली के आने से पहले की रंगों से बाजार सज गया है, जहां एक तरफ फूलों से बनाए गए नेचुरल रंगों की मांग बढ़ी है। वहीं शुद्धता के नाम पर लोग केमिकल युक्त रंग बाजार में बेच रहे हैं जो चेहरे और आंखों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन मिलावटी रंगों से चर्मरोग तक की समस्या हो सकती हैं। ऐसे में एक्सपर्ट बाजारों में उपलब्ध रंगों के कम इस्तेमाल की सलाह देते हैं। हम सबसे बड़ी समस्या है कि आप कैसे घर पर ही हर्बल रंग बनाएं। जिससे कि स्किन संबंधी कई परेशानियों से बच सकते है।
रंगों और खुशियों के त्योहार होली खेलने के लिए चुकंदर, मेहंदी और फूलों को अपने किचन में इकट्ठा करना शुरू कर दीजिए, ताकि आपको हानिकारक रासायनिक रंगों से होली नहीं खेलना पड़े। हर्बल रंग न तो आपकी त्वचा को किसी तरह का नुकसान पहुंचाते हैं और न ही इनसे होली का आनंद कम होता है। जानिए कैसे आपके घर में मौजूद चीजों से हर्बल रंग बना सकते है।
- अगर सूखे रंग से होली खेलना हो तो चावल के आटे में फूड कलर मिला लीजिए और इसमें दो छोटा चम्मच पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इसे सूखने के लिए छोड़ दें और फिर इसे मिक्सर में पीस लीजिए, इससे यह पाउडर बन जाएगा और इससे होली खेलें।
- हरा रंग बनाने के लिए पालक को पानी में भिगों दीजिए और फिर रंग हरा हो जाने पर उस पानी से होली खेलें।
- नीला रंग बनाने के लिए ब्लूबेरी के रस का इस्तेमाल कीजिए।
- नारंगी रंग बनाने के लिए रात भर मेहंदी की पत्तियों को पानी में डालकर छोड़ दें और सुबह उस पानी से होली खेलें।
- गहरा गुलाबी रंग (मैजेंटा) बनाने के लिए चुकंदर के कुछ टुकड़ों को एक कप पानी में उबाल लीजिए और फिर अगले दिन इससे होली खेलें।
- पीला रंग बनाने के लिए लाल रंग के फूलों को पानी में भिगो दे इससे पानी का रंग हल्के पीले रंग का हो जाएगा।जिए, इससे यह पाउडर बन जाएगा और इससे होली खेलें।
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