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गलत दिशा में सोने से हो सकती हैं लकवे,स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियां
देखा जाए तो 35 साल की उम्र में बुद्धिमत्ता के स्तर में गिरावट आ जाती है। गलत दिशा में सोने पर इन धमनियों को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसा चुंबकीय खिचांव के कारण होता है। सोते समय जब शरीर बिल्कुल सीधा होता है तो नाड़ी की गति धीमी हो जाती है। शरीर में ये बदलाव इसलिए आता है क्य़ोकि रक्त अगर उसी स्तर पर रहेगा तो सिर में जरूरत से अधिक रक्त पहुंच सकता है और ये शरीर के लिए बहुत नुकसानदेह हो सकता है। अगर आप 5-6 घंटे तक उत्तर दिशा में सिर रखकर सोते है तो चुंबकीय खिंचाव सीधा दिमाग पर दबाव डालता है।
एक निशचित उम्र को पार करने के बाद हमारी रक्तशिराएं कमजोर हो जाती है और गलत दिशा में सिर रखकर सोने से लकवे और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। गलत दिशा में सोने से कई तकलीफे होती हैं जैसे चैन की नींद नही आना। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सोते समय दिमाग में जितना रक्त जाना चाहिए उससे ज्यादा प्रवाह हो जाता है। थोड़े समय तक कोई समस्या सामने नहीं आती लेकिन लंबे समय तक गलत दिशा में सिर रखकर सोने से ये समस्याएं हो सकती है।
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