नई दिल्ली: तेजी से करवट लेता मौसम कई लोगों के लिए राहत तो उम्रदराज लोगों और बच्चों के साथ-साथ उन लोगों के लिए स्वास्थ्य की समस्याएं भी लेकर आता है। सर्दियों के मौसम का पूरा मजा लेने के लिए उचित ध्यान रखना आवश्यक है। यह माना हुआ तथ्य है कि दिल के दौरे, कार्डियक अरेस्ट और दिमाग के दौरे से काफी सारी मौतें सर्दियों में होती हैं।
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सर्दियों में दिन छोटा हो जाने से शरीर के हार्मोन्स के संतुलन पर असर पड़ता है और विटामिन डी की कमी हो जाती है जिससे दिल का दौरा पड़ने की संभावना बन जाती है। ठंड की वजह से दिल की धमनियां सिंकुड़ जाती है जिस वजह से रक्त और ऑक्सीजन का दिल की ओर बहाव कम हो जाता है। इससे रक्तचाप बढ़ जाता है।
ठंडा मौसम तनाव को भी बढ़ावा देता है, खास कर उम्रदराज लोगों में तनाव और हाइपरटेंशन बढ़ जाता है। सर्दियों के अवसाद से ग्रस्त लोगों को अत्यधिक चीनी, ट्रांस फैट और सोडियम वाले भोजन खाते देखा गया है जो मधुमेह और उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है। तापमान कम होने से खून के थक्के जमना भी बढ़ जाता है, क्योंकि ब्लड प्लेटलेट्स ज्यादा सक्रिय और चिपचिपे हो जाते हैं।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ के.के. अग्रवाल का कहना है, "सर्दियों में होने वाले दिल के रोगों की गंभीर समस्याओं को अपनी आदतों में बदलाव करके आसानी से रोका और संभाला जा सकता है।
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