हेल्थ डेस्क: प्लास्टिक के पैक में खाने-पीने की सामग्री परोसने के खतरों से निजात पाने के लिए दुनियाभर में लगातार शोध हो रहे हैं। वैज्ञानिक व उद्यमी इसके विकल्प तलाश रहे हैं। इन्हीं प्रयासों में हैदराबाद के नारायण पीसपति ने मोटे अनाज के आटे से खाने में इस्तेमाल होने वाला चम्मच बनाया है, जिसे खाना समाप्त करने के बाद थाली में रखने की जरूरत नहीं है। मतलब, चम्मच भी भोजन का हिस्सा ही है।
इसी तरह, ब्रिटेन के एक स्टार्ट-अप ने समुद्री शैवाल से पानी का बरतन यानी जलपात्र बनाया है। वहां के अखबार 'गार्जियन' की रपट मे सोमवार को कहा गया कि यह प्लास्टि की वैश्विक समस्या का समाधान बन सकता है।
इसी तरह, दुनियाभर में ऐसे ही कई प्रयोग हो रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले महीने बोतलबंद पानी में प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों के मौजूद होने की बात सामने आई थी, जिससे उपभोक्ताओं की सेहत पर गंभीर खतरा होने की बात कही गई थी।
ब्रिटेन की एक कंपनी ने पिछले साल सितंबर में समुद्री शैवाल से निर्मित पैकेजिंग सामग्री में बर्गर या नूडल को पैक करने की तरकीब निकाली थी। वहीं, न्यूयॉर्क की एक कंपनी ने एक ऐसा कप बनाया है, जिसे आप खा सकते हैं। यह समुद्री घास व शैवाल से निर्मित है। पोलैंड की एक कंपनी ने गेहूं की भूसी से प्लेट बनाया है, जिसे आप खा सकते हैं।
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