हेल्थ डेस्क: डेली लाइफ में खाने के लिए यदि हरी पत्तेदार या पीली सब्जियों के अतिरिक्त सब्जियां, प्रसंस्कृत मांस और कार्बोनेटेड पेय पदार्थ जैसे ज्वलनशील पदार्थ शामिल हैं तो आपको किडनी फेल्योर (गुर्दे खराब होना) का खतरा उच्च स्तर पर पहुंच जाता है। शोधकर्ताओं के एक दल ने यह निष्कर्ष निकाला है। दल में भारतीय मूल की एक वैज्ञानिक भी है। निष्कर्ष में यह भी पता चला कि ज्वलनशील तत्वों वाले भोजन से किडनी की पुरानी बीमारी (सीकेडी) के बढ़ने का खतरा उच्च स्तर पर पहुंच जाता है।
कैलिफोर्निया-सैन फ्रांसिस्को विश्वविद्यालय में शोध की प्रमुख शोधकर्ता तनुश्री बनर्जी ने कहा, "शोध के निष्कर्ष के बाद भोजन में कम ज्वलनशील पदार्थो को शामिल कर किडनी फेल्योर का खतरा रोका जा सकता है।"
ज्वलनशील खाद्य पदार्थ में टमाटर, कार्बोनेटेड पेय पदार्थ, हरी पत्तेदार और पीली सब्जियों के अतिरिक्त सब्जियां, प्रसंस्कृत मांस, लाल मांस, ऑर्गन मांस और डार्क-मांस मछली के अतिरिक्त मछली आते हैं।
सान डियागो कनवेंशन सेंटर में 23-28 अक्टूबर तक होने वाले एएसएन किडनी वीक 2018 में प्रकाशित होने वाले इस शोध के लिए सीकेडी से पीड़ित 1,084 वयस्कों को शामिल किया गया था।
टीम ने 14 सालों की जीवनशैली का अध्ययन करने पर 11.1 फीसदी प्रतिभागियों में किडनी फेल्योर की प्रत्याशा वृद्धि दर्ज की।(Delhi Air pollution: फिर 'गैस चैंबर' बन रही है दिल्ली, इन बीमारियों का खतरा बढ़ा)
शोध के अनुसार, मधुमेह, मोटापा, उच्च रक्तचाप या हृदय संबंधित बीमारी सीकेडी के बढ़ते खतरे को प्रदर्शित करते हैं।(मेनोपॉज के बाद होने वाली हार्ट प्रॉब्लम से बचना है तो इस एक्सरसाइज को करें फॉलो)
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