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गोवा के CM मनोहर पर्रिकर को पैंक्रियाटिक कैंसर! आप भी जानिए क्‍या है इस बीमारी के लक्षण और कारण

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बारे में बताया जा रहा है कि वह उच्च चरण (एडवांस्ड स्टेज) के पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे हैं। जानिए इसके लश्क्षण, कारण के बारें में पूरी जानकारी...

Manohar Parrikar- India TV Hindi Manohar Parrikar

हेल्थ डेस्क: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बारे में बताया जा रहा है कि वह उच्च चरण (एडवांस्ड स्टेज) के पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे हैं। वह बुधवार तड़के मुंबई से अमेरिका इलाज करवाने के लिए रवाना हुए। मुंबई के लीलावती अस्पताल और गोवा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के सूत्रों ने पर्रिकर को कैंसर होने की पुष्टि की है। 15 फरवरी से इन्हीं दोनों अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।

नाम न बताने की शर्त पर एक सूत्र ने कहा, "यह काफी एडवांस्ड स्टेज में है।" 18 फरवरी को कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि मुख्यमंत्री पैंक्रियाटिक कैंसर के एडवांस स्टेज 4 से जूझ रहे हैं। अस्पताल ने हालांकि इससे इनकार किया था। लीलावती अस्पताल ने एक बयान में कहा था, "यह हमारे नोटिस में आया है कि मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य को लेकर इलेक्ट्रोनिक/प्रिंट मीडिया में कई तरह की दुर्भावनापूर्णव भ्रामक रिपोर्ट और अफवाह फैलाई गई है। हम निस्संदेह ऐसी सारी अफवाहों को नकारते हैं। हम दोहराना चाहते हैं कि गोवा के मुख्यमंत्री इलाज किया जा रहा है और वह इलाज के बाद अच्छा महसूस कर रहे हैं।"

गोवा अस्पताल के सूत्रों ने कहा, "उनके पैंक्रियाज में उच्च चरण के कैंसर होने का पता चला है। जब उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वहां उनकी पहले चरण की कीमियोथेरेपी भी हुई।"

पर्रिकर ने 14 फरवरी को पेट में दर्द की शिकायत की थी जिसके बाद उन्हें राज्य के जीएमसीएच अस्पताल ले जाया गया था जहां से उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल भेजा गया। शुरुआत में बताया गया था की वह 'फूड प्वाइजनिंग' से ग्रसित हैं।

मुख्यमंत्री को 1 मार्च को अस्पताल से छुट्टी दी गई थी और उसके बाद से वह अपने घर में आराम कर रहे थे। मंगलवार को लीलावती अस्पताल में जांच के बाद वह इलाज के लिए अमेरिका रवाना हो गए। चलिए आपको भी बताते है कि क्या है पैंक्रियाटिक कैंसर। साथ ही जानें इसके लक्षण।

पैंक्रियाटिक कैंसर
अग्नाशय कैंसर यानी कि पैनक्रीएटिक कैंसर बहुत ही गंभीर रोग है। अग्‍नाशय में कैंसर युक्‍त कोशिकाओं के जन्‍म के कारण पैनक्रीएटिक कैंसर की शुरूआत होती है। यह अधिकतर 60 वर्ष से ऊपर की उम्र वाले लोगों में पाया जाता है। उम्र बढ़ने के साथ ही हमारे डीएनए में कैंसर पैदा करने वाले बदलाव होते हैं। इसी कारण 60 वर्ष या इससे ज्‍यादा उम्र के लोगों में पैनक्रीएटिक कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इस कैंसर के होने की औसतन उम्र 72 साल है।

महिलाओं के मुकाबले पैनक्रीएटिक कैंसर पुरुषों को ज्यादा होता है। जो पुरुषों धूम्रपान  करते है। उन्हें इस कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। रेड मीट और चर्बी युक्‍त आहार का सेवन करने वालों को भी पैनक्रीएटिक कैंसर होने की आशंका बनी रहती है। कई अध्‍ययनों से यह भी साफ हुआ है कि फलों और सब्जियों के सेवन से इसके होने की आशंका कम होती है।

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