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Hindi News लाइफस्टाइल हेल्थ पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का इन 2 खतरनाक बीमारियों के कारण हुआ निधन, जानें इन रोगों के बारे में सबकुछ

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का इन 2 खतरनाक बीमारियों के कारण हुआ निधन, जानें इन रोगों के बारे में सबकुछ

डॉक्टरों के मुताबिक 65 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति को इस बीमारी के होने का खतरा अधिक रहता है। उम्र के साथ बीमारी और बढ़ती जाती है। जानिए पूर्व मंत्री अटल बीमारी वाजपेई की बीमारी के बारें में

Atal Bihari vaajpayee- India TV Hindi Atal Bihari vaajpayee

हेल्थ डेस्क: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत कल एक बार फिर बिगड़ गई। एम्स की ताजा मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटे में उनकी हालात और बिगड़ी है और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। देर रात एम्स में उनका हालचाल जानने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रियों से लेकर कई नेता पहुंचे। अभी एम्स से खबर आई है कि 93 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है।  5 बजकर 5 मिनट में उन्होंने एम्स में आखिरी सांस ली।

पिछले 9 हफ्तों से एम्स में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी की हालत काफी बिगड़ गई है। उनकी सेहत में लगातार गिरावट हो रही है। एम्स में उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। डॉक्टरो ने इस बारें में बताया कि उनकी तबियत में लगातार गिरावट आ रही है। (Vajpayee Health Latest Updates: पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का हुआ निधन, मेडिकल बुलेटिन जारी )

अटल बिहारी वाजपेयी किडनी में संक्रमण, छाती में संकुलन और पेशाब कम होने के चलते 11 जून को एम्स में एडमिट कराया गया था। आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई साल 2009 से ही डिमेंशिया से पीड़ित है। जानिए इन खतरनाक बीमारियों के बारें में। (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ये अनमोल विचार हर किसी को पढ़ने चाहिए )

क्या है डिमेंशिया
इस बीमारी के चलते अक्सर व्यक्ति अपने दैनिक कार्य ठीक से नहीं कर पाता है। उसकी याददाश्त इतनी कमजोर हो जाती है कि वो कभी-कभी अपना नाम, साल और महीना तक भूल जाता है। इस बीमारी की वजह से व्यक्ति बोलते वक्त शब्द तक भूल जाता है। डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति के मूड में भी बार-बार बदलता रहता है। उम्र बढ़ने की वजह से अक्सर लोग इसके शिकार हो जाते हैं।

Atal Bihari vaajpayee

डिमेंशिया के लक्षण

  • इसमें मरीज नाम, जगह, तुरंत की गई बातचीत को भूलने लगता है.
  • अवसाद से पीड़ित होना।
  • बातचीत करने में दिक्कत होती है और व्यवहार बदलने लगता है.
  • खाने-पीने और निगलने में दिक्कत होती है।
  • चलने-फिरने में भी परेशानी होती है।
  • चलने-फिरने में परेशानी होना
  • निर्णय लेने की क्षमता का प्रभावित होना
  • व्यवहार में बदलाव
  • चीजों को रखकर भूल जाना

Atal Bihari vaajpayee

किडनी के बीमारी के लक्षण

  • किडनी के होने से शरीर से गंद तथा पेशाब बाहर निकलते हैं। जब ऐसा नहीं हो पाता तो किडनी में भरे हुए गंद के कारण आपके हाथ, पैर, टखना एवं चेहरा सूज जाता है।
  • इस अवस्था में पेशाब का रंग गाढ़ा हो जाता है या फिर पेशाब की मात्रा या तो बढ़ जाती है या कम हो जाती है। इसके अलावा बार-बार पेशाब होने का एहसास होता है मगर करने पर नहीं होता है। इसके अन्य लक्षणों में पेशाब त्याग करने के वक्त दर्द, दबाव और जलन जैसा अनुभव होता हो।
  • जब पेशाब में रक्त आने लगे या फिर झाग जैसा पेशाब आए तो बिना सोचे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि यह किडनी के खराब होने का निश्चित ही संकेत होता है।
  • शरीर में कमजोरी, थकान या हार्मोन का स्तर गिर जाए तो यह भी किडनी के बीमारी के लक्षण माने गए हैं।
  • ऑक्सीजन का कम होना और जिसके कारण चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी आए तो किडनी के बीमारी के लक्षण है।
  • यदि गर्मी में भी ठंडक महसूस हो तथा आपको बुखार हो तो यह किडनी खराब होने के लक्षण को दर्शाता है।
  • किडनी के खराब होने पर शरीर में जहरीली पदार्थों जम जाते है, जिससे त्वचा में रैशेज और खुजली होने लगती है। हालांकि यह लक्षण कई तरह की बीमारियों में भी पाया जाता है।
  • बहुत कम लोग जातने हैं कि किडनी की बीमारी के कारण खून में युरिया का स्तर बढ़ जाता है। यह युरिया अमोनिया के रूप में उत्पन होता है। जिसके कारण मुंह से बदबू निकलने लगता है और जीभ का स्वाद भी बिगड़ जाता है।
  • गुर्दे खराब होने से शरीर में विषाक्त पदार्थों का स्तर बढ़ जाता है जिसके कारण मतली और उल्टी होने लगता है।
  • डॉक्टरों के मुताबिक शरीर में अनवांटेड पदार्थ जरूरत से ज़्यादा जम जाने के कारण यह लक्षण महसूस होने लगता है।
  • यदि पीठ का दर्द पीठ के नीचले भाग से होते हुए पेड़ू-जांघ के जोड़ तक फैल जाता है तो समझिए कि आप इस बीमारी के शिकार हो रहे हो।
  • अगर किडनी खराब है तो लंग्स में फ्लूइड जमने लगता है जिसके कारण सांस लेने में असुविधा होने लगती है।

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