OMG: बीमारी ही नहीं इस कारण से भी शरीर के अंगों में हो सकता है दर्द
नई दिल्ली: किसी ने खूब कहा है कि “पैसा खुदा तो नहीं मगर खुदा से कम भी नहीं।” अक्सर लोग ज्यादा पैसा कमाने की कोशिश में लगे रहते हैं। हर किसी को लक्जरी लाइफ जीने
नई दिल्ली: किसी ने खूब कहा है कि “पैसा खुदा तो नहीं मगर खुदा से कम भी नहीं।” अक्सर लोग ज्यादा पैसा कमाने की कोशिश में लगे रहते हैं। हर किसी को लक्जरी लाइफ जीने के लिए एक मोटी तनख्वाह वाली नौकरी की दरकार होती है। ऐसा हरगिज नहीं है कि हर किसी को यह सब नसीब हो जाता है। मगर कुछ लोग अपनी किस्मत से ज्यादा पाने की कोशिश में इतना तनाव ले लेते हैं कि पैसों की किल्लत के कारण उनका शरीर जवाब देने लगता है। बात आपको हैरान कर सकती है लेकिन अगर हालिया रिसर्च की मानें तो पैसों की कमी आपके शरीर के अंगों में दर्द के पीछे की वजह भी बन सकती है। यह वजह टेंशन के रुप में आती है और आपको परेशान करती है।
हालिया शोध बतलाता है कि जिन लोगों का अपने जीवन पर नियंत्रण नहीं होता उनके साथ ऐसी चीजें ज्यादा होती है। आर्थिक असुरक्षा के कारण लोगों के मन में निंयत्रण की कमी होती है, जिसके कारण उनमें चिंता, भय, तनाव जैसी मानसिक प्रतिक्रियाएं सक्रिय हो जाती है। अमेरिका में वर्जीनिया यूनिवर्सिटी से मुख्य लेखिका एलीन चोउ ने कहा कि हमारे शोध परिणाम से पता चला है कि आर्थिक असुरक्षा की भावना हमें शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाती है।
'जर्नल ऑफ साईकॉलजी साइंस में प्रकाशित शोध में चाउ ने कहा, छह अध्ययनों से प्राप्त परिणाम से यह साबित हुआ है कि आर्थिक असुरक्षा से शारीरिक पीड़ा पैदा होती है, जिसके कारण सहनशीलता कम होती है और पीड़ा कम करने की दवाओं के सेवन में वृद्धि भी हो सकती है।' इस रिसर्च को करते समय आर्थिक असुरक्षा और शारीरिक पीड़ा पर ध्यान दिया गया था। शोध से यह सामने आया कि पीड़ा की सहनशीलता आर्थिक असुरक्षा से जुड़ी हुई हो सकती है।
इस रिसर्च को कुछ लोगों पर किया गया और उन्हें एक अनिश्चित रोजगार के बारे में सोचने के लिए कहा गया और यह पाया गया कि उनकी पीड़ा को सहन करने की क्षमता कम हो रही है। इसके अलावा जिन लोगों को स्थिर रोजगार के बारे में सोचने के लिए कहा गया, उनकी पीड़ा सहन करने की शक्ति में कोई बदलाव नहीं देखा गया।