प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में ई-सिगरेट पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। इसका पहली बार उल्लंघन करने वालों के खिलास 1 लाख का जुर्माना होगा। इसके साथ ही 1 साल की अधिकतम करावास या फिर दोनों हो सकते है। वहीं दूसरी बार अगर पकड़े जाते है तो 5 लाख का जुर्माना लगेगा और 3 साल की कैद या फिर दोनों हो सकती है। यानि कि अब ई सिगरेट पीना अपराध के दायरे में आ गया है।
E-Cigarettes
क्या है ई सिगरेट?
ई सिगरटे यानी इलेक्ट्रानिक सिगरेट जोकि सिगरेट का ही एक पार्ट होता है। यह नार्मल तरीके से नहीं जलाई जाती है। इसमें निकोटिन तंबाकू के रुप में नहीं बल्कि लिक्विड के रुप में मौजूद होता है। जिसके फिलामेंट को जलाकर लिक्विड निकोटीन को वेपराइज किया जाता है। जिसे इनहेल किया जाता है।
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ई सिगरेट के नुकसान
- अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक ई सिगरेट का इस्तेमाल करता है तो उसके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसमें निकोटिन की मात्रा अधिक पाई जाती है। जिसके कारण ब्लड स्पॉट की समस्या के साथ-साथ ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या हो जाती है।
- ई सिगरेट में एक फ्लेवरिंग लिक्विड पाया जाता है जोकि दिल के लिए खतरनाक है।
- ई सिगरेट से कैंसर ही नहीं बल्कि हार्ट अटैक का भी खतरा रहता है।
- यूनिवर्सिटी ऑफ कंस के अनुसार ई सिगरेट से लोगों को डिप्रेशन होने की संभावना 2 गुना बढ़ जाती है।
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