World Milk Day: दूध पीना सेहत के लिए होता है फायदेमंद, लेकिन भूल से भी न पिएं 'कच्चा दूध'
दूध सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है लेकिन दूध पीते वक्त कुछ सावधानियों का ख्याल नहीं रखा गया तो आप कई तरह की बीमारी का शिकार हो सकते हैं।
नई दिल्ली: दूध सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है लेकिन दूध पीते वक्त कुछ सावधानियों का ख्याल नहीं रखा गया तो आप कई तरह की बीमारी का शिकार हो सकते हैं। एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कच्चा दूध पीने से स्किन से जुड़ी बीमारी होने का खतरा 100 गुना तक बढ़ सकता है। रिसर्चर के मुताबिक बिना उबाले किसी भी पशु का दूध पीना सेहते के लिए नुकसानदेह है और इससे ब्रूसेलोसिस जैसी बीमारी भी हो सकती है जिसका ट्रीटमेंट नहीं होने पर ये जानलेवा साबित हो सकती है।
जानलेवा हो सकता है ब्रूसेला बैक्टीरिया-
जानवरों का कच्चा दूध बहुत खतरनाक होता है जिसके माध्यम से मानव शरीर में ब्रूसेला बैक्टीरिया आ जाता है और सही समय पर इसकी पहचान और इसका उपचार नहीं होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है।
ब्रूसेलोसिस के लक्षण-
ब्रूसेलोसिस के आम लक्षणों में लंबे समय तक बुखार होता है जो कई महीनों तक भी रह सकता है। इनके अलावा अन्य लक्षणों में कमजोरी, सिर में दर्द और जोड़ों, मांसपेशियों और कमर का दर्द शामिल है। लेकिन कई मामलों में बुखार को सामान्य मान लिया जाता है और जांच में रोग का पता नहीं चल पाता।
पशुओं में क्यों पाया जाता है ये बैक्टीरिया
सही हाइजीन आदि का ख्याल नहीं रखने पर पशु इस तरह के बैक्टीरिया के इंफेक्शन के शिकार हो जाते हैं और ऐसा नहीं है कि बार-बार दूध पीने से ही इंफेक्शन होने की आशंका रहती है, बल्कि मनुष्य को एक बार भी दूध बिना उबाले पीने पर इंफेक्शन का जोखिम होता है।
पनीर और आइसक्रीम भी उबले दूध की खाएं
पनीर और आइसक्रीम जैसे उत्पाद भी दूध को उबलने तक गर्म करके नहीं बनाये जाते तो ब्रूसेलोसिस का खतरा होता है।
ब्रूसेलोसिस का हो सकता है इलाज
सही समय पर बीमारी का पता चलने पर इसका इलाज हो सकता है और छह सप्ताह तक दवाइयां लेनी होती हैं। सामान्य ब्लड रिपोर्ट में इसका पता चलने की संभावना कम होती है। विशेष रूप से जांच करानी होती है।
कुछ रिसर्च में यह बात सामने आई है कि में भी उबले दूध की तुलना में कच्चे दूध का सेवन नुकसानदायक बताया गया है। ऐसे में डॉ सलाह देते हैं कि दूध का इस्तेमाल उबालकर ही करना चाहिए।
ये भी पढ़ें:
कामकाजी महिलाओं के लिए डिलिवरी से पहले और बाद में फिजियोथेरेपी है फायदेमंद, जानें वजह