चिकित्सा क्षेत्र में भारत का एक बार फिर बजा डंका, हिमाचल के अरुण बनें CVR एंड EI में डीएम डिग्री वाले देश के पहले डॉक्टर
डॉ अरुण पहले ऐसे डॉक्टर है। जिन्होंने कार्डियो वस्कुलर रेडियोलॉजी एंड एंडोवस्कुलर इन्टरवेंशन (सीवीआर एंड ईआई) में सुपर स्पेशेलाइजेशन यानी डीएम डिग्री पाई है।
हिमाचल के डॉक्टर पूरे देश में अपना अहम योगदान दे रहे है। लेकिन इस कड़ी में एक ऐसा नाम जुड़ गया है। जिसने पूरे देश का नाम रोशन कर दिया। जी हां हिमाचल के बेटे डॉं अरुण शर्मा ने सबसे कम उम्र में चिकित्सा क्षेत्र की रेडियोलॉडी फील्ड में सबसे ऊंचा मुकाम पा लिया है।
डॉ अरुण देश के पहले ऐसे डॉक्टर है। जिन्होंने कार्डियो वस्कुलर रेडियोलॉजी एंड एंडोवस्कुलर इन्टरवेंशन (सीवीआर एंड ईआई) में सुपर स्पेशेलाइजेशन यानी डीएम डिग्री पाई है।
कौन है डॉ अरुण शर्मा
डॉ अरुण हिमाचल के बिलासपुर जिला से है। अरुण शर्मा ने शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज से वर्ष 2005 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी। उसके बाद उन्होंने कुछ समय के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में सेवाएं दी और फिर वर्ष 2009 में पीजीआई चंडीगढ़ में रेडियोलॉजी विभाग में एमडी डिग्री के लिए परीक्षा पास की। यहां उल्लेखनीय है कि पीजीआई के लिए ऑल इंडिया एंट्रेस परीक्षा में भी देश के सेकेंड टॉपर थे।
पीजीआई चंडीगढ़ से एमडी की डिग्री पूरी करने के साथ ही वे पीजीआई के रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट के बेस्ट परफार्मर भी रहे। उसके बाद डॉ. अरुण शर्मा हिमाचल वापस आए, लेकिन जल्द ही एक बड़ी सफलता उनका इंतजार कर रही थी। डॉ. अरुण शर्मा एम्स दिल्ली पहुंचे और छह साल तक रेडियोलॉजी विभाग में सेवाएं दीं।
इस बारें में डॉ. अरुण शर्मा का कहना है कि हिमाचल के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है. उन्हें उचित मंच मिलना चाहिए। डॉ. अरुण शर्मा को देश और विदेश के कई निजी संस्थानों से बेहद ऊंची सेलेरी पर नौकरी के प्रस्ताव हैं, लेकिन वे भारत में ही रहकर अपने देश के मरीजों की सेवा करना चाहते हैं।
जानें आखिर क्या है डिग्री
जिस समय डॉ अरुण ने यह इस डिग्री के लिए क्वालीफाई किया उस समय देश के कई और डॉक्टर भी थे। इस डिग्री यानी कार्डियो वस्कुलर रेडियोलॉजी एंड एंडोवस्कुलर इन्टरवेंशन की डीएम डिग्री में स्कुलर यानी धमनियों की बीमारी और दिल की धमनियों से संबंधित रोगों की इमेजिंग कर सकते हैं। पहले इस बीमारी के लिए सैंपल लेना पड़ता था। इससे अब भारत में भी इलाज काफी बेहतर होगा।
आपको बता दें कि भारत के पहले डॉक्टर है जिन्होंने कार्डियो वस्कुलर रेडियोलॉजी एंड एंडोवस्कुलर इन्टरवेंशन की डीएम डिग्री प्राप्त की।
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